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युवा खुद की ताकत को पहचाने, अंध भक्त या अंध विरोधी बनने से काम नहीं चलेगा

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युवा खुद की ताकत को पहचाने, अंध भक्त या अंध विरोधी बनने से काम नहीं चलेगा

सिटी पोस्ट लाइव : प्रोफेसर डाक्टर देबज्योति मुखर्जी आज दस साल से युवाओं के चरित्र गठन और नवभारत निर्माण में लगे हुए हैं. उनका मानना है आज देश के वर्तमान विकट परिस्थिति के दो मुख्य कारण है – पहला की युवा आज खुद के ताकत को नहीं पहचान रहा है, वह यह विश्वास खो दिया है की वह एक स्वतंत्र विचार के मालिक है, वह एक परिवर्तन ला सकता है, क्रांति का पुरोधा बन सकता है । और दूसरा आज हम सब डर गए हैं । हिन्दु को डर है की देश इस्लामिक कंट्री बनने जा रहा है, और मुसलमानों को डर है की हमें देश से भगाने की कोशिश शुरू हो गयी है । और यह दोनो बात गलत है । आज युवाओं को अपनी सोच को सामने रखना पडेगा, अंध भक्त या अंध विरोधी बनने से नहीं चलेगा और साथ साथ डरने से भी काम नहीं बनेगी ।

प्रोफेसर मुखर्जी युवाओं को चरित्र निर्माण के पाँचों चरण : चिंतन, कथन,कर्म,स्वभाव और चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हैं तथा उन्हें पहला चरण अर्थात ” चिंतन ” करना तो हाथ पकड़ कर सिखाते हैं ।

यूँ तो साल भर ” युवा महोत्सव ” होते रहते हैं, लेकिन हर साल 15 दिसम्बर को महा महोत्सव का आयोजन होता है । इसी क्रम में 2018 में भागलपुर में 13 ज़िले के युवाओं को लेकर ” अंग युवा महोत्सव ” ; 2019 में पटना गाँधी मैदान में बिहार-झारखण्ड के सभी 62 जिलाओं को लेकर ” बिहार झारखण्ड युवा महोत्सव ” का आयोजन हुआ था । इस साल अर्थात 2020 में 13 राज्यों के युवा कलकत्ता में जमा होंगे ” पूर्वी भारत युवा महोत्सव ” मनाने और अगले साल अर्थात 2021 में दिल्ली कूच करेंगे ” अखिल भारत युवा महोत्सव ” को सफल बनाने । देबज्योति की माने तो वह यहाँ भी नही रूक कर 2022 में ” अखिल विश्व युवा महोत्सव ” के आयोजन की भी योजना बना रहें हैं । यह प्रयास सही में अनोखा और अभूतपूर्व है ।

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