सिटी पोस्ट लाईव : भारतीय सेना के कश्मीरी जवान औरंगजेब की शहादत पर पूरे देश में गम का माहौल है. ईद के बावजूद शहीद जवान के गांव में मातम पसरा हुआ है. शहीद जवान औरंगजेब का पार्थिव शरीर आज दोपहर करीब एक बजे पुंछ में उनके गांव सलानी पहुंचा. इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ औरंगजेब के अंतिम दर्शनों में गांव में उमड़ आई और लोगों की आंखें नम दिखी.
इस दौरान गांव में हर कोई गम में दुबे हुए थे. आपको बता दें कि थोड़ी देर में शहीद के शहीद जवान को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. सेना के अफसर और जवान भी अपने इस साथी को अंतिम विदाई लेने के लिए यहां पहुंचे है.जहाँ एक तरफ आज पुरे देश में लोग ईद मन रहे हैं वहीँ इस गांव के किसी भी घर में ईद का त्योहार नहीं मनाया जा रहा है. जवान की शहादत पर गांववालों ने केंद्र सरकार से ‘खून का बदला खून’ से लेने की मांग की है. इस दौरान बेटे की शहादत पर दुखी पिता मोहम्मद हनीफ ने कहा कि- “फ़ौजी या तो मारता है या मरता है. लोग अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद कर देंगे तो देश के लिए कौन लड़ेगा”. इसके साथ हनीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए यह कहा कि -“केंद्र सरकार मेरे बेटे की शहादत का बदला ले”. शहीद औरंगजेब जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के शोपियां में शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. उनकी उम्र 24 साल थी. उनके पिता भी सेना में थे. रिटायरमेंट के बाद वो गांव में रहते हैं.
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