वाह रे पटना पुलिस ! मुफ्त में शब्जी नहीं दी तो भेंज दिया जेल ,सीएम ने दे दिया जांच का आदेश
19 जून को 1 4 साल के नाबालिग बच्चे को जेल भेजे जाने के मामला
सिटी पोस्ट लाईव : पटना पुलिस द्वारा रंगदारी में मुफ्त शब्जी नहीं दिए जाने पर एक शब्जी विक्रेता के नाबालिक बच्चे को जबरन उठा ले जाने और उसे झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेंज देने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. गौरतलब है कि 19 जून को 1 4 साल के नाबालिग बच्चे को जेल भेजे जाने के मामला सामने नहीं आया था . बिहार पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी. अब इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. इस मामले की जांच महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही 2 दिन के भीतर ही जांच रिपोर्ट भी सौंपने के लिए कहा गया है.
पीड़ित परिवार का आरोप है पुलिस वाले पेट्रोलिंग के दौरान आते थे और फ्री में सब्जी ले जाते थे. एक दिन मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर उन्होंने मेरे बेटे को धमकी दी थी. मेरे बच्चे पर बाइक लूट की साजिश का झूठा आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया गया. पिता ने बताया कि 3 महीने से थाने से लेकर एसएसपी तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
किशोर के पिता, पत्नी, बेटे और बेटी के साथ पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर में किराए के मकान में रहते हैं. पिता और बेटा महात्मा गांधी नगर में ठेले पर सब्जी बेचते हैं. 19 मार्च की शाम साढ़े सात बजे बेटा सब्जी बेचकर घर लौटा तभी पुलिस की एक जीप आई. पुलिस ने किशोर से कहा- चलो, तुमको बड़ा बाबू बुला रहे हैं. इसके बाद उसे जीप में बिठाकर ले गए. भाई को बचाने के लिए बड़ी बहन कुछ दूर जीप के पीछे दौड़ी. नाबालिग के पिता ने बताया कि जब रात 11 बजे तक बेटा नहीं लौटा तो वह पत्रकार नगर थाने गए. वहां से कोई जवाब नहीं मिला. दूसरे दिन वह फिर थाने गए तो उनसे गांधी मैदान स्थित रंगदारी सेल में जाकर पता करने के लिए कहा गया. रंगदारी सेल के पदाधिकारियों ने भी पिता को बिना जवाब दिए लौटा दिया.
21 मार्च को उन्हें पत्रकार नगर थाने से बाईपास थाने भेजा गया तो पता चला कि बाइक लूटने के आरोप में बेटे को वैशाली के राघोपुर निवासी नीतेश कुमार अगमकुआं निवासी विशाल कुमार के साथ जेल भेज दिया गया है. जेल में मुलाकात पर बेटे ने बताया कि वह नीतेश और विशाल को जानता तक नहीं है. बुरी तरह पीटकर सादे पन्ने पर उससे दस्तखत कराए गए थे. यह पूरा वाकया मिठाई दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है.अब इस सीसीटीवी के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है..
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