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समाज के सुरक्षा प्रहरियों को नहीं है डर अपराधियों व नक्सलियों से

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सिटी पोस्ट लाइव, चतरा: जिस विभाग को समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उसी विभाग के कर्मचारी हर समय मौत के साए में जीने को मजबूर है! जी हां हम बात कर रहे हैं चतरा जिले के सिमरिया थाने की जहां पुलिसकर्मियों को मिले आवासों की स्थिति इतनी खराब है कि अब तो खुद खाकी कहने लगी है कि हम लोग खौफ के साए में रहते हैं। हालांकि इसके बाद भी विभाग द्वारा पुलिसकर्मियों को इन जर्जर आवासों से निजात दिलाने की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है। इस भवन की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हुई है। यहां बारिश में छत से पानी भी गिरता रहता है। कीड़े मकोड़े निकलना तो आम बात है, फिर भी लोगों की सुरक्षा करने वाले इस छत के नीचे रहने को मजबूर है। वहीं कई ऐसे आवास है जहां पर सालों से मेंटेनेंस और पुताई नहीं कराई गई। सिमरिया थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों को एक लंबे समय से आवासों की समस्या से जूझना पड़ रहा है। पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर आवास बने ही नहीं है। आवास कि स्थिति इतनी खराब है कि वो भी किसी भी दिन धराशायी हो सकते है। विभाग के द्वारा इन आवासों की मरम्मत को लेकर कभी प्रयास नहीं किए गए। इनमें बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव हैं।

हालांकि सिमरिया थाने में रहने वाले जवान इस संदर्भ में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से हिचकिचाते हैं और वही दबी जुबान से बताते है कि उन्हें नक्सलियों और अपराधियों से कोई भय नहीं लगता। डर लगता है तो सिर्फ इस जर्जर भवन से। जर्जर भवन के बारे में कई बार उच्च अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है। इधर सिमरिया के एक समाजसेवी आलोक रंजन ने भी पूरे मामले पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए उच्चाधिकारियों से इनकी समस्या पर अविलंब ध्यान देने की बात कही। वहीं दूसरी ओर चतरा एसपी ऋषभ झा ने बताया कि इस संबंध में विभाग के पास प्रपोजल भेजा गया है। कहा कि जल्द ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा।

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