बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ,बीजेपी नेता मंगल पांडे ने कहा है कि बिहार सरकार में दोषियों को बख्शा नहीं जाता है. आरजेडी ने इसे महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है.जेडीयू नेता नीरज का कहना है कि कानून अपना काम करेगा .कोई दोषी नहीं बचेगा.या आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि ये सब अधिकारियों की ही देखरेख में हो रहा है.सबकी जानकारी में ही सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है.
सिटी पोस्ट लाईव: मुजफ्फरपुर में सरकारी बालिका गृह में बच्चियों से यौन उत्पीड़न मामले का खुलासा होने के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी ने संज्ञान लेते हुए मामले को बेहद गंभीर बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने का एलान किया है वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर आरजेडी –जेडीयू और कांग्रेस नेताओं के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है.
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ,बीजेपी नेता मंगल पांडे ने कहा है कि बिहार सरकार में दोषियों को बख्शा नहीं जाता है. इस मामले पर भी जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है, जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.आरजेडी ने इसे महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है.आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि ये सब अधिकारियों की ही देखरेख में हो रहा है.सबकी जानकारी में ही सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है. उन्होंने महिलाओं की सुरख्सा का सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में लगातार बलात्कार और हत्या जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं.छेड़छाड़ की घटनाएं आम हो गई हैं.रोज बेटियों से छेड़खानी के विडियो वायरल हो रहे हैं.बिहार बदनाम हो रहा है.
इसका जवाब देते हुए जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पुलिस ने घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की है.अब समाज कल्याण विभाग ने भी कारवाई शुरू कर दिया है.इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाएगी.
उधर मुजफ्फरपुर से खबर आ रही है कि साहू रोड स्थित बालिका गृह की बालिकाओं से यौन शोषण के मामले महिला थाने में पोक्सो एक्ट की धारा लगने के बाद पुलिस ने शनिवार को 7 लोगों को हिरासत में लिया है.अन्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही. इसके संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत अंडर ग्राउंड हो चुके हैं.संस्था की फाइलों को खंगाला जा रहा.
मालूम हो कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की कोशिश टीम ने पिछले दिनों किये गए बालिका गृह की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में कहा था कि यहां बालिकाओं को काफी आपत्तिजनक स्थिति में रखा जाता है. उनके साथ यौन शोषण व हिंसा होने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है.
मामले में बाल संरक्षण इकाई के स्थानीय अधिकारी सवाल के घेरे में हैं. क्योंकि विभाग ने 28 मई को ही जांच व प्राथमिकी का निर्देश दिया था.लेकिन प्राथमिकी तीन दिनों बाद आज दर्ज कराई गई. इस दौरान यहां से कई फाइलें हटाने की आशंका जताई जा रही है .
पुलिस बालिका गृह में बच्चियों से यौन शोषण के अलावा कई बिंदुओं पर जांच कर रही है.क्या यहां की बच्चियों को रसूखदारों, सफेदपोशों व अधिकारियों के पास भेंज जाता था ,ईन तमाम बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है. जिलाधिकारी मो. सोहैल ने पूरे मामले में जिला बाल संरक्षण अधिकारी को तलब कर उनसे पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.
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