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छह साल की नाबालिग से गैंगरेप व हत्या के मामले में तीन को फांसी

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छह साल की नाबालिग से गैंगरेप व हत्या के मामले में तीन को फांसी

सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: झारखंड के दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में छह साल की मासूम बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को दफना देने के मामले में दुमका के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने तीनों को दोषी करार दिया। अदालत ने गैंगरेप और हत्याकांड के तीनों अभियुक्तों मीठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय को भारतीय दंड विधान की धारा 366,  376ए, 376डी, 302, 201/34 के तहत दोषी करार दिये जाने के कुछ ही घंटे बाद फांसी की भी सजा दी। अदालत ने महज तीन कार्यदिवस में सुनवाई पूरी दी और घटना के महज 25 दिनों बाद ही फैसला आ गया।  अदालत ने तीनों दोषियों को अलग-अलग धराओं के तहत सजा सुनायी। कोर्ट ने तीनों को भादवि की धारा 377 में 10साल सश्रम कारावास और 15-15हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना नहीं देने पर 2 साल का कारावास, धारा 376 डी बी में सजा ए मौत और 50-50 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना नहीं देने पर 5 साल की सजा, धारा 302 में फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक दम नहीं निकल जाए और 50-50 हजार रुपये जुर्माना, नन्ही फरिश्ता की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के अपराध में सात-सात साल की सजा, पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत तीनों को आजीवन कारावास और 25-25हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी। दुमका के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने इस जघन्य हत्याकांड का तीन दिनों में ही देर रात तक सुनवाई पूरी की।  मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों अभियुक्तों को जेल से कोर्ट परिसर लगाया गया।
कोर्ट ने महज तीन दिनों में गवाही की प्रक्रिया पूरी कर देश के न्यायिक इतिहास में नया रिकार्ड बना दिया है। पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत में सोमवार को गवाही की प्रक्रिया पूरी करने के लिए देर रात तक सुनवाई की। मंगलवार को अभियिजन एवं बचाव पक्ष को दिन के दो बजे तक बहस पूरा कर लेने का समय निर्धारित किया है। सुबह 11 बजे से विशेष न्यायालय पहले अभियोजन और उसके बाद बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद दोपहर करीब सवा एक बजे तीनों आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया। इस दौरान अभियोजन एवं बचाव पक्ष की ओर से अपना पक्ष रखा गया।  अभियोजन पक्ष की ओर से इस केश को रेयरेस्ट ऑफ दि रेयर और सामुहिक दुष्कर्म (भादवि की धारा 366डी) के आधार पर दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग और बचाव पक्ष की ओर से कम से कम सजा देने की गुहार लगायी। जिसके बाद अदालत ने करीब साढ़े तीन बजे तीनों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनायी।

गौरतलब है कि 6 साल की मासूम बच्ची को उसका चचेरा चाचा मीठू राय 5 फरवरी की शाम सरस्वती मेला दिखाने के लिए उसके ननिहाल से ले गया था ।आरोप है कि मेला में बच्ची को गोलगप्पे खिलाने के बाद के बाद शौच करवाने के बहाने कुसुमडीह बहियार में ले जाकर अपने दो साथियों के साथ बच्ची से रेप व अप्राकृतिक यौनाचार करने के बाद गला दबा कर उसकी हत्या कर दी थी। दिल दहला देनेवाले इस कांड का खुलासा 7 फरवरी को तब हुआ था जब रामगढ़ के कुसुमडीह बहियार से मासूम बच्ची का शव बरामद किया गया था। इस मामले में पुलिस ने नामजद अभियुक्त दरिंदा चचेरा चाचा मीठू राय को 11 फरवरी को मुम्बई से और उसके दोनों साथियों पंकज मोहली एवं अशोक राय को पोड़ैयाहाट (गोड्डा) से गिरफ्तार कर तीनों अभियुक्तों को 12 फरवरी को कोर्ट में प्रस्तुत किया था। गिरफ्तारी के 14 दिनों के अंदर अनुसंधानकर्ता ने तीनों अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। विशेष न्यायाधीश तौफिकुल हसन ने 26 फरवरी को ही इस केस में संज्ञान ले लिया और 27 फरवरी को तीनों आरोपियों को इस कांड में धारा 366, 376ए, 376डी, 302, 201/34 और पोस्को एक्ट की धारा 6 के तहत आरोप गठित करते हुए 28 फरवरी से इस केश का ट्रायल शुरू कर दिया गया। शुक्रवार को ट्रायल शुरू होने के बाद शनिवार को भी दिनभर मामले की सुनवाई हुई। रविवार को अवकाश रहने के कारण 2 मार्च सोमवार को भी तीसरे दिन देर रात तक सुनवाई चली। सुनवाई के लिए सोमवार को कोर्ट सवा नौ बजे रात तक खुली रही। कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल की नयी मिसाल पेश करते हुए रात तक गवाही सुनी। कोर्ट में रात 8.20बजे फॉरेसिंग जांच की रिपोर्ट पेश की गयी। महज तीन कार्य दिवस में 16 गवाहों के बयान दर्ज किये गये। रात में ही अभियोजन साक्ष्य को बंद करते हुए बचाव पक्ष को साक्ष्य का मौका दिया गया, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से कोई साक्ष्य नहीं आने पर रात में ही तीनों आरोपियों का न्यायालय में सफाई बयान हुआ। इस मामले में 27फरवरी को आरोप पत्र गठन के बाद 28 फरवरी को कोर्ट में कोर्ट में छह लोगों की गवाही हुई, 29 को चार और दो मार्च को छह लोगों की गवाही दर्ज की गयी।

फैसला सुनाने के पहले जज ने पीड़िता के परिजनों को बुलाया
छह साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फैसला सुनाने से पहले जज मोहम्मद तौफीकुल हसन ने बच्ची के परिवार वालों को  बुलाया और पूछा ये तीनो आपके बच्चे का दोषी है , इन्हों ने ही रेप और हत्या किया है , क्या सजा देना चाहते है आप। परिवार के सभी लोगों ने एक साथ कहा-फांसी । इस दौरान बच्ची की मां रोने लगी , अपनी भाषा में बोली- बहुत खराब से हमारे बेटी के साथ करलको , बड़ी खराब मारलको एकरा फांसी दे दें।

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