खूंटी में एक बार फिर सिर उठाने लगे हैं गैर संवैधानिक पत्थलगड़ी के समर्थक
सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: खूंटी से खदेड़े जाने के बाद गैर पारंपरिक पत्थलगड़ी समर्थक एक बार फिर सिर उठाने लगे हैं। ग्रामीणों की मानें, तो लोकसभा चुनाव में मतदान करने वाले परिवारों पर ग्रामसभा के माध्यम से आर्थिक दंड वसूले जाने की बातें बैठकों में आ रही हैं। हालांकि ग्रामीण इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर गांव के लोग बताते हैं कि खूंटी प्रखंड की डाड़ीगुटू पंचायत के हाबुलडीह, हाकाडुबा, लोबोदाग के अलावा घाघरा और जीकीलाता गांव मेेें इसको लेकर गुप्त बैठक होने की सूचना है। ग्रामीणों पर एक बार फिर सरकारी योजनाओं के बहिष्कार की बात कही जा रही है। हालांकि इसकी प्रशासनिक पुष्टि नहीं हुई है। खूंटी के ग्रामीण इलाकों में एक बार फिर पत्थलगड़ी की सुगबुगाहट के संबंध में सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने कहा कि इस बारे मंे उन्हें कोई जानकारी नहीं है। खूंटी के एसपी आलोक ने कहा कि उन्हें भी ऐसी कोई सूचना नहीं है। यदि बात सच है, तो ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। सरकारी योजनाओं के बहिष्कार करने और सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने के लिए भय का वातावरण बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। बता दें कि पिछले 2017-18 में पत्थलगड़ी समर्थकों ने ग्रामसभा के अधिकार के नाम पर खूब खुराफात किया है। पत्थलगड़ी समर्थकों ने जिले के पूरे प्रशानिक महकमे को रात भर बंधक बनाकर रख लिया था। इनका दुस्साहस इतना बढ़ गया था कि उन्होंने तत्कालीन सांसद कड़िया मुंडा के आवास की सुरक्षा में लगे जवानों का अपहरण कर लिया था और उनके हथियार छीन लिये थे। हालांकि सभी जवानों को सुरक्षित मुक्त करा लिया गया और लूटे गये हथियार भी बरामद भी कर लिये गये थे। गैर पारंपरिक पत्थलगड़ी के स्वयंभू नेता युसूफ पूर्ति, बबिता कच्छप सहित कई पत्थलगड़ी समर्थक अब भी फरार हैं। कोचांग मेें नाटक मंडली की महिलाओं और युवतियों का अपहरण कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस संबंध में कोचांग के स्कूल के एक धर्मगुरु को कोर्ट सजा सुना चुकी है।
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जेल की सलाखों के पीछे हैं 39 पत्थलगड़ी समर्थक
संविधान की गलत व्याख्या कर लोगों को प्रशासन और गैर आदिवासियों को भड़काने और सामाजिक विद्वेष फैलाने, सरकारी अधिकारियों को बंधक बनाने, विकास कार्यों में बाधा डालने के आरोप में पुलिस कृष्णा हांसदा, बिरसा पाहन, बाजू पाहन, राकेश लोहरा, राधे उर्फ सुभाषचंद्र मुंडा, उमेश दास गोस्वामी, छोटू नायक, चरका पाहन, नागेश्वर मुंडा, अभिषेक कुमार, सुखराम मुंडा, कार्तिक महतो, पावेल टूटी, विजय कुजूर, मंगल मुंडा, ग्राम प्रधान बिसन सोय, फादर अल्फोस आईंद, एजुबे सांडी पूर्ति, लक्ष्मण मुंडा, बलराम समद, जुनास मुंडू, नेता नाग, आशीष लोमगा, बाजी समद, पौलुस टूटी, ठाकुर मुंडा सहित पत्थलगड़ी के 39 टाॅप नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अब तक अदालत ने एक भी आरोपी को जमानत नहीं दी है। फादर अल्फोंस को कोर्ट सजा सुना चुकी है।
सरकारी उपेक्षा से त्रस्त होकर ग्रामीण उठा रहे हैं कदम
सरकारी योजनाओं के बहिष्कार के संबंध में एक स्थानीय सामाजिक कायकर्ता कहते हैं कि इसके लिए सरकार भी कम जिम्मेवार नहीं है। न कोई सरकारी योजना पूरी होती है और न सरकारी कार्यों का समुचित लाभ गांव के लोगों को सिरकारी कार्यों का समुचित लाभ गांव के लोगों को मिल पाता है। डाड़ीगुटू के अधूरे शौचालय और बेकार पड़ी पानी टंकी की ओर इशारा करते हुए उक्त सज्जन कहते हैं कि इ देखीए सरकारी योजनाओं का हाल। फिर गांव वाले ऐसी योजनाओं का बहिष्कार कर रहे हैं, तो गलत कहां है?
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