विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद योगी सरकार की बढ़ी मुश्किलें, बगावत पर उतरे पुलिस वाले
सिटी पोस्ट लाइव : लखनऊ में 29 सितंबर को हुए विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद पुलिस प्रशासन में एकतरफा कार्रवाई के आरोप को लेकर विरोध के स्वर पूरी तरह से प्रखर हैं। जिसके चलते सिपाहियों में विरोध की चिंगारी भड़क रही है। इसके चलते जहां एक ओर पहले सिपाही सिर्फ सोशल मीडिया पर ही कैंपने चलाकर विरोध दर्ज करवा रहे थें वहीं अब खुले तौर पर बगावत करने के मूड में आ गए हैं। यह विरोध उस दौरान खुलेआम देखने को मिला जब 5 अक्टूबर को डीजीपी और आईजी एलओ के आदेश बावजूद सिपाहियों ने काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया।
लखनऊ के अलावा सिपाहियों में इलाहाबाद की घटना को लेकर भी रोष है। इलाहाबाद पुलिस के सब इंस्पेक्टर शैलेन्द्र सिंह पर कचहरी में प्राणघातक हमला हुआ। पुलिसकर्मियों के अनुसार इस हमले में उनकी जान जाने की भी आशंका थी और उन पर हमला करने वाले नबी अहमत पर कम से कम आधा दर्जन मुकदमें दर्ज थे। खुद की जान को बचाने के लिए सब इंस्पेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने गोली चला दी। जिसमें हमलावर नबी मौके पर ही मारा गया।
यहां तक इस घटना के वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है कि नबी अहमद ने किस तरह शैलेन्द्र सिंह की पिटाई की। इसके बाद इलाहाबाद परिक्षेत्र की पुलिस ने सब इंस्पेक्टर को सलाखों के पीछे भेजने के लिए दिन रात एक ऐसी धाराएं लगा दी कि तीन साल में उन्हें एक पल की भी जमानत नहीं मिली। वहीं सब इंस्पेक्टर का परिवार आर्थिक रूप से तबाह हो गया औऱ उनका परिवार सड़क पर आ गया। वहीं इस शांत पड़े मामले ने तब तूल पकड़ा जब लखनऊ में दो पुलिसवालों ने आधी रात को लक्जरी कार में विवेक तिवारी को गोली मारी।
नई दिल्ली आशुतोष झा
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