केवल मुजफ्फरपुर में ही नहीं बल्कि मोतिहारी और भागलपुर बालिका गृह में भी लड़कियों के यौवन शोषण और उनके साथ हिंसा करने का मामला सामने आया है.तिरहुत रेंज के आईजी सुनील कुमार ने कहा कि उन्होंने मोतिहारी एसपी को मामले की जांच कर कारवाई करने का आदेश दे दिया है.मतलब साफ़ है सरकार के ज्यादातर बालिका गृह में बंद बालिकाएं सुरक्षित नहीं हैं.
सिटी पोस्ट लाईव :अभीतक केवल मुजफ्फरपुर बालिका गृह से ही यौवन शोषण और हिंसा करने की खबर मिडिया में आई है.हर तरफ बवाल मचा हुआ है.लेकिन सिटी पोस्ट लाईव की टीम अपनी पड़ताल के बाद इस नतीजे पर पहुँची है कि केवल मुजफ्फरपुर में ही नहीं बल्कि मोतिहारी और भागलपुर बालिका गृह में भी लड़कियों के यौवन शोषण और उनके साथ हिंसा करने का मामला सामने आया है.तिरहुत रेंज के आईजी सुनील कुमार ने कहा कि उन्होंने मोतिहारी एसपी को मामले की जांच कर कारवाई करने का आदेश दे दिया है.मतलब साफ़ है सरकार के ज्यादातर बालिका गृह में बंद बालिकाएं सुरक्षित नहीं हैं.
इधर मुजफ्फरपुर से खबर है कि यहाँ के सरकारी बालिका गृह में रहने वाली बालिकाओं के यौवन-शोषण के मामले में पुलिस ने आरोपी स्वयंसेवी संस्था के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.मामला दर्ज करने के बाद एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि सेवा संस्थान संकल्प विकास समिति नामक स्वयंसेवी संस्था के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.अब यौवन शोषण और हिंसा की रिपोर्ट देनेवाली मुंबई की एजेंसी से बात कर यह पता लगाया जाएगा कि किन किन लड़कियों के साथ यौवन शोषण और हिंसा की घटना हुई है.क्योंकि रिपोर्ट में न तो पीड़ित लड़कियों के नाम दर्ज हैं और ना ही
जिम्मेवार लोगों के नाम बताये गए हैं.
तिरहुत रेंज के आईजी सुनील कुमार ने कहा कि बालिका गृह की लड़कियों की काउंसलिंग के लिए विशेषज्ञ भी बुलाये जायेगें.पुलिस उनके साथ वहां जाकर पीड़ित लड़कियों का बयान दर्ज करेगी .रतलब है कि तिरहुत रेंज के आईजी सुनील कुमार खुद इस मामले की मोनिटरिंग कर रहे हैं.उन्होंने सिटी पोस्ट लाईव को बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.एसएसपी खुद जांच पड़ताल कर रही हैं.उन्होंने एसएसपी को खुद इस मामले की जांच जल्द से जल्द कर दोषी व्यक्तियों की गिरफ्तारी का आदेश दे दिया है.सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अभीतक पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में किसी व्यक्ति को नामजद अभियुक्त नहीं बनाया गया है.पुलिस का कहना है कि किस स्वयंसेवी संस्था द्वारा यह बालिका गृह चलाया जा रहा था ,उसकी विस्तृत जानकारी डीएम से माँगी गई है.
गौरतलब है कि ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ नें अपनी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में बिहार के मुजफ्फरपुर,मोतिहारी और भागलपुर में लड़कियों के साथ यौवन शोषण और हिंसा करने किये जाने का मामला उजागर हुआ है.इस खुलासे के बाद जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के कर्ता धर्ता और पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया है.हालांकि किसी को नामजद अभियुक्त अभीतक नहीं बनाया गया है.
पुलिस ने सहायक निदेशक के शिकायती आवेदन के आधार पर धारा 376 और 120 बी के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है. एनजीओ से जुड़े पत्रकार बृजेश ने इस मामले में अपना नाम घसीटे जाने पर कड़ा एतराज जताते हए कहा है कि रिपोर्ट में लड़कियों के यौवन शोषण नहीं बल्कि समलैंगिक सम्बन्ध की बात कही गई है.ब्रजेश ने कहा कि स्वयंसेवी संगठन का इसमे कोई दोष नहीं है.जिला प्रशासन ने जल्दबाजी में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है.
जिला प्रशासन और पुलिस ने बालिका गृह में ठहराई गई सभी बालिकाओं को पटना और मधुबनी शिफ्ट करके होम को अपने कब्जे में ले लिया है.गौरतलब है कि पिछले दिनों टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की कोशिश टीम ने ‘समाज कल्याण विभाग’ द्वारा संचालित संस्थाओं की सोशल ऑडिट रिपोर्ट ‘समाज कल्याण विभाग’ पटना के निदेशक को सौंपी. इस रिपोर्ट के पेज नंबर 52 पर मुजफ्फरपुर में चल रहे बालिक गृह के कार्यकलाप पर गंभीर सवाल उठाए. रिपोर्ट में ऑडिट टीम ने दावा किया कि बालिक गृह में रहने वाली कई बालिकाओं ने यौन उत्पीड़न का खुलासा किया है.
रिपोर्ट में टाटा संस्था ने ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के खिलाफ तत्काल कानूनी प्रक्रिया शुरू करने और गहन छानबीन के साथ करेक्टिव ऐक्शन लेने की सलाह दी है. निदेशक समाज कल्याण पटना के निर्देश पर मुजफ्फरपुर की बाल संरक्षण इकाई ने सभी बालिकाओं को संस्था से मुक्त कराकर पटना और मधुबनी भेज दिया है. इस मामले में एसएसपी मुजफ्फरपुर ने कहा है कि बालिका गृह का कृत्य संज्ञेय अपराध है और इसकी गहन छानबीन की जाएगी.
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