मजहब-धर्म से ऊपर आस्था, बेगूसराय में मुस्लिम परिवार ने कराया गंगा घाट पर बेटों का मुंडन
जागीर खान कहते हैं- “ मां गंगा के आशीर्वाद से पति-पत्नी को दो बेटों का जन्म हुआ
सिटी पोस्ट लाईव : आस्था किसी मजहब या धर्म का मुंहताज नहीं . एक तरफ जहाँ पुरी दुनिया में पैन-इस्लामिज्म की बात चल रही है,वहीं बिहार के बेगूसराय के एक मुस्लिम परिवार ने गंगा पूजन करके ये संदेश दे दिया है कि आस्था धर्म मजहब से बहुत ऊपर है.बिहार के बेगूसराय जिले में एक मुस्लिम परिवार ने अपने दो बच्चों का गंगाघाट पर हिन्दू रीति-रिवाजों से मुंडन संस्कार कराया. यूपी के धधरा के रहने वाले इस परिवार में कोई संतान नहीं थी. परिवार ने मां गंगा से संतान की मन्नत मांगी थी.
जागीर खान कहते हैं- “ मां गंगा के आशीर्वाद से पति-पत्नी को दो बेटों का जन्म हुआ.हम लोग मुंडन कराकर मन्नत उतारने आये हैं. हमें पूरा विश्वास है कि सच्चे मन से कुछ भी मांगिये,माता गंगा पूरी करती हैं.जब गंगा मैया मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं करती फिर हम क्यों करें “. उन्होंने कहा कि मन्नत पूरी होने के बाद हमने अपने परिवार के साथ सिमरिया के गंगा घाट पर अपने दोनों बेटों का विधि-विधान से मुंडन संस्कार कराया. मुस्लिम परिवार का यह कार्य सिमरिया समते पूरे बेगूसराय में चर्चा का विषय बना हुआ है.
धार्मिक सौहार्द और आस्था का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करने वाले इस मुस्लिम परिवार की खुशी देखने लायक थी. इनकी आंखों में न तो किसी धर्म का खौफ था न ही कोई दिखावटीपन नजर आया. जागीर खान की पत्नी ने बताया कि वे बेहद खुश हैं क्योंकि उनकी मन की मुराद पूरी हो गई. मुंडन संस्कार कराकर वह बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं. स्थानीय लोगों ने इसे धार्मिक सौहार्द का बेहतर उदाहरण कहा है.
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