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कल यानी गुरुवार को है गंगा दशहरा ,गंगा स्नान ,दान -पुन्य का है विधान

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इंडियनस्पिरिचुअलवर्ल्ड:  सिटी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि दिन गुरुवार यानी कल 24 मई को गंगा दशहरा है. गंगा दशहरे के मौके पर गंगा यमुना जैसी पवित्र पवन एवं पावन नदियों में स्नान कर मंदिरों में पूजा-अर्चना करने का विधान है.दान-पुण्य इसदिन करने का विशेष लाभ है.ज्योतिषियों के अनुसार इस बार पुरुषोत्तम मास में गंगा दशहरा होने से खास योग बन रहे हैं. भगवान विष्णु का प्रिय मास होने से गंगा दशहरा का महत्व है.पुरुषोत्तम मास होने से इस बार गंगा दशहरा  खास होगा. गंगा दशहरा के दिन जीवनदायिनी मां गंगा का अवतरण हुआ था. इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना करने के साथ गंगा नदी को स्वच्छ रखने का खास महत्व है.

 गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से दस पापों से मुक्ति मिलती है. गंगा स्नान करने के बाद गंगा दशहरा के दिन 10 दीपकों का दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विशेष लाभ है. श्रद्धालु सूर्योदय से पूर्व 4.15 बजे से 5.25 बजे तक ऋषि-मुनियों की तरह गंगा स्नान कर सकते हैं. 5.32 से लेकर 6.44 तक शाही स्नान कर सकते हैं. सामान्य स्नान के लिए श्रद्धालु सुबह से लेकर शाम तक किसी भी वक्त गंगा में डुबकी लगा सकते हैं.

गंगा दशहरा के दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व है. गंगा दशहरा के दिन सत्तू, मटका और हाथ का पंखा, आम, लीची, सुपारी, गुड़ आदि का दान करना शुभ है. गंगा दशहरा के दिन गंगा ऊं नम: शिवाये नारायणाय दशहराये गंगाये नम: का जाप करने का विशेष महत्व है. गंगा स्नान करने के बाद अपने घर गंगा जल लाने की महत्ता है. ऐसा करने से पित्तरों को तृप्ति मिलती है. इस दिन का किया पुनीत कार्य पितरों के मोक्ष के लिए अच्छा होता है. झा ने कहा कि महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए राजा भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए तपस्या की थी.

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