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फिर से चकाचक होगीं ग्रामीण सड़कें, मुख्यमंत्री ने जल्द काम शुरू करने का दिया आदेश

राज्य की 35 हजार किलोमीटर लंबाई की 9,500 ग्रामीण पथों की हालत होती जा रही है खराब

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सिटी पोस्ट लाइव ( सोमनाथ ): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव से पहले एकबार फिर से बिहार की सडकों की सूरत सुधारने की मुहीम शुरू कर चुके हैं. गुरुवार को 1, अणे मार्ग में ग्रामीण सड़कों की हालत पर प्रेजेंटेशन देने आये अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने दो साल के अन्दर सभी ग्रामीण सडकों को दुरुस्त कर लेने का फरमान जारी किया है. उन्होंने  गांवों में बनने वाली सडकों की गुणवता को लेकर भी अधिकारियों को चेताया .मुख्यमंत्री ने कहा कि  एक भी सड़क मरम्मत या रखरखाव के अभाव में खराब हुई तो खैर नहीं. मुख्यमंत्री  ने ग्रामीण कार्य विभाग को अगले दो वर्षों में सभी ग्रामीण सड़कों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण कर लेने का आदेश दिया है.

विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री को बताया गया कि सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के लिए 2000-3000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी. मुख्यमंत्री ने एक झटके में इसे मंजूरी देते हुए कहा कि एक-दो माह के भीतर सभी निर्मित पथों की अनिवार्य मरम्मत शुरू हो जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सडकों को अपनी  सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि  गावों में एक बार बन जाने वाली सड़क मरम्मत और रखरखाव के अभाव में खराब नही होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को गांवों की सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के लिए नई अनिवार्य और सार्वभौमिक अनुरक्षण नीति तैयार कर कैबिनेट के सामने पेश करने का आदेश दिया.

ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में लगभग 35 हजार किलोमीटर की लंबाई में ग्रामीण पथों के पंचवर्षीय रखरखाव की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. ईन सडकों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है और इनको मरम्मती जरुरी है. जैसे-जैसे सड़कों का निर्माण पूरा हो रहा है और उनके पांच वर्षों के रखरखाव का समय बीत रहा है, वैसे-वैसे सड़कों की मरम्मत की जरूरत बढ़ती जा रही है. अगले वर्ष से प्रतिवर्ष लगभग पांच हजार किलोमीटर अतिरिक्त लंबाई में सड़कों को मरम्मत की जरूरत होगी. अगर सभी ग्रामीण पथों की मरम्मत एक साथ की जाए तो राज्य सरकार को लगभग 2600-3000 करोड़ रूपये की जरूरत होगी.

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