सिटी पोस्ट लाइव, वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना के गहराते संकट को देख पूर्वोत्तर रेलवे ने वाराणसी मंडल के मऊ जंक्शन स्टेशन को कोविड केयर सेन्टर में बदल दिया है। मऊ जंक्शन देश का पहला रेलवे स्टेशन बन गया है जहां पर कोरोना संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है। इस कोविड केयर सेन्टर में अभी तक रखे गये 59 संदिग्ध मरीजों में 27 स्वस्थ होकर अपने घर लौट गये है। पूर्वोत्तर रेलवे पर स्थित चिकित्सालयों में से दो चिकित्सालयों के कुछ हिस्सों को भी कोविड लेवल-1 अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है। ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय, गोरखपुर में 200 बेड की सुविधा कोरोना के मरीजों के इलाज के लिये उपलब्ध करायी गयी है। इसमें अभी तक कुल 142 मरीज भर्ती किये गये, जिनमें से 116 मरीजों को स्वस्थ होने के उपरान्त डिस्चार्ज कर दिया गया तथा 20 मरीज उपचाराधीन हैं। 06 मरीजों को बी.आर.डी. मेडिकल कालेज, गोरखपुर रेफर कर दिया गया। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने गुरूवार को बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिये भारतीय रेल द्वारा कोचों को कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तित करने का कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कर लिया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे पर आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष कुल 217 कोचों को समय से पूर्व ही कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तित किया जा चुका है।
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उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे पर सेवित कुल 14 स्टेशनों- गोरखपुर, वाराणसी सिटी, गोण्डा, बरेली सिटी, मंडुवाडीह, बलिया, मऊ, गाजीपुर सिटी, आजमगढ़, नौतनवा, फर्रूखाबाद, भटनी (02 रेक-01 रेक देवरिया सदर) बहराईच एवं कासगंज पर रेलवे कोच कोविड केयर सेन्टर लगाये जाने की माँग है, जिसके अनुपालन में पूर्वोत्तर रेलवे ने सभी स्टेशनों पर रेकों को पहुँचा दिया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक रेक में कुल 12 कोच लगाये गये है। कोच की संरचना में 10 कोच-कोविड केयर सेन्टर, एक ए.सी.कोच एवं एक एस.एल.आर. लगाया गया है। एक कोच में मरीजों के लिये 08 केबिन बनाये गये है। जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि भटनी स्टेशन पर 02 रेकों को रखा गया है जिनमें से एक रेक को आवश्यकता पड़ने पर देवरिया सदर स्टेशन पर लगा दिया जायेगा। गोरखपुर में कोच-कोविड केयर सेन्टर, रेक को नकहा जंगल स्टेशन पर खड़ा किया गया है। रेलवे इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार के सहयोग के लिये प्रतिबद्ध है।
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