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बिहार में प्रदूषण से 10% लोग गंभीर अस्थमा से पीड़ित.

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सिटी पोस्ट लाइव : अगर आप राजधानी पटना में रहते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरुरी है.दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित 20 शहरों में बिहार के पांच शहर शामिल हैं. छठे स्थान पर दरभंगा, सातवें पर आसोपुर, 10वें पर पटना, 14वें पर छपरा और 20वें स्थान पर मुजफ्फरपुर है. गंभीर अस्थमा से देश में 8 से 10 फीसदी लोग परेशान हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. पटना में अस्थमा से पीड़ितों की संख्या इससे अधिक हो सकती है.

अब अस्थमा के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए राज्य में पहली बार पटना में रेस्पीरेट्री डायलिसिस की सुविधा बहाल हो गई है. यह सुविधा जयप्रभा मेदांता अस्पताल ने की है. गंभीर अस्थमा से पीड़ित एक मरीज का इसी तकनीक से इलाज डॉ. किशोर झुनझुनवाला और डॉ. शुभलेस कुमार की टीम ने किया है.लंबे समय से स्मोकिंग, एलर्जी, बचपन में दमा, माता-पिता को अस्थमा, फेमिली हिस्ट्री नहीं होने के बावजूद मरीज गंभीर रूप से अस्थमा से पीड़ित मिल रहे हैं. चिकित्सक इसे प्रदूषण को ही कारण मान रहे हैं.

अस्थमा के गंभीर मरीज की जान बचाने के लिए अब एकमात्र उपाय है रेस्पीरेट्री डायलिसिस. इसे एक्सट्रा कारपोरियल कार्बन डाई आक्साइड रिमूवल टेक्निक के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह से किडनी फेल्योर मरीज का डायलिसिस किया जाता है. उसी तरह से खून से कार्बन डाईआक्साइड साफ करने के लिए रेस्पीरेट्री डायलिसिस की जरूरत होती है.वायु प्रदूषण के मामले में पटना अक्सर देश में टॉप स्थान पर रहता है. ठंड के दिनों में एक्यूआई लेवल 400 से अधिक रिकॉर्ड किया गया था. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का मानक कहता है कि एक्यूआई लेवल 400 से अधिक है तो वहां की हवा स्वास्थ्य के लिए गंभीर है। शनिवार को एक्यूआई लेवल 272 रिकॉर्ड किया गया है.

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