पूरे देश में झारखंड कोरोना महामारी को परास्त करने वाला पहला राज्य होगा: रामेश्वर
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के योजना सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में राज्य आज अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने में राज्य को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है, जबकि लॉकडाउन के कारण राजस्व संग्रहण में कमी आयी है,ऐसे में राज्यों को ज्यादा उधारी लेनी पड़ेगी। डॉ. उरांव ने बताया कि केरल और तेलंगाना सहित कुछ राज्यों में एफआरबीएम के तहत अनिवार्य वित्तीय घाटे को राज्य की जीएसडीपी के बराबर 3 से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने की अनुमति मांगी थी, जिसे कल अनुमति दिये जाने की सूचना केंद्रीय वित्तमंत्री ने मीडिया संबोधन में देश को बताया है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र की अनुमति मात्र है,इससे केंद्र पर कोई वित्तीय बोझ नहीं आएगा, लेकिन सुधार की बात जब केंद्र सरकार करती है, तो सबसे यही सुधार होना चाहिए था कि केंद्र अपनी उधार सीमा बढ़ा लेता और उस उधारी से राज्यों को आगे उधार दे देता, तो यह एक बड़ा रिफार्म होता।
क्योंकि राज्यों की उधारी की लागत ज्यादा आती, यानि उन्हें अधिक ब्याज पर धन जुटाना पड़ता है,जिससे उनकी देयता ज्यादा बढ़ जाती है, जबकि केंद्र को काफी सस्ते में कर्ज मिल जाता है और इसी कर्ज से राज्यों को कर्ज के ही रूप में धन मिलता, तो राज्यों को लगभग 2 प्रतिशत कम ब्याज लगता। इससे केंद्र का फिस्कल डेफिसिट तो बढ़ता, परंतु संयुक्त फिस्क डेफिसिट जो वास्तव में मायने रखता है, वह नहीं बढ़ता और राज्यों पर ब्याज का बोझ कम पड़ता। अभी अप्रैल महीने में केरल को 8.96प्रतिशत और नागालैंड को 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज जुटाना पड़ा है, जो राज्यों पर भारी बोझ है और राज्य अभी संकट के दौर में राजस्व संग्रहण में कमी की समस्या से भी जूझ रहे है।
कोविड 19 लॉक डाउन 4 के तहत भारत सरकार का गाइडलाइन प्राप्त हो चुका है उसके आलोक में झारखंड सरकार निर्णय करेगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार के साथ झारखंड भी संघर्ष में साथ खड़ा रहा है। लाकडाउन 4 में दिए गए निर्देशों के आलोक में झारखंड में बंदिश की जरुरत ज्यादा है क्योंकि प्रवासी मजदूरों का यहाँ लगातार आना जारी है, लाखों की संख्या में संक्रमित इलाकों से आने वाले मजदूरों को देखते हुए धैर्य और संयमित होकर लॉक डाउन के निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। डॉ उराँव ने कहा कि बहुत ज्यादा छूट मिलना मुश्किल है लेकिन पूर्व की भांति ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर सृजन करने हेतु ईट निर्माण उद्योग, मनरेगा ,कृषि के क्षेत्र में कार्य जारी रहेंगे । डा. उराँव ने कहा जिस प्रकार पिछले 55 दिनों से राज्य की जनता ने सरकार और मेडिकल एडवाइजरी का अनुपालन किया है हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द हम कोरोना महामारी संक्रमण से बाहर निकलेंगे और पूरे भारत देश में झारखंड इस महामारी को परास्त करने में सबसे पहला राज्य होगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी राहत निगरानी समिति की कंट्रोल रूम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में समिति के सदस्य प्रदीप तुलस्यान ,आलोक कुमार दुबे लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू ,सनी टोप्पो मुख्य रूप से मौजूद थे ।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दूबे ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए मंत्रियों के समूह की बैठक में कई महत्वपूर्ण ट्रेनों के लिए राज्य सरकारों को एनओसी देते हुए ट्रेन भेजने का अनुरोध किया है।डा उरांव के हवाले से श्री दूबे ने बताया कि 64 ट्रेनों से लोगों को लाया गया है, 76 ट्रेनों को एनओसी दिया गया है जिसके माध्यम से सरकार एक सप्ताह मेंएत्र अपने नागरीकों को ज्यादा संख्या में लागी। बैठक में केन्द्र सरकार से लाकडाउन अवधि के दौरान सभी प्रकार के ईएमआई को माफ करने और व्याज नहीं लेने की मांग की गई है।
Comments are closed.