झारखंड सरकार की पहल पर प्रवासियों के घर वापसी का सिलसिला तेज
सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: झारखंड सरकार और जिला प्रशासन की पहल पर कोराना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर डेढ़ महीने से जारी देश व्यापी लाक डाउन की वजह से अन्य राज्य में फंसे छात्र, मजदूर एवं अन्य प्रवासी नागरिकों को रेल व बस सेवा के माध्यम से घर तक पहुचाने का सिलसिला तेज हो गया है। इसी क्रम में आज कर्नाटक के बेंगलुरू से दुमका एवं पाकुड़ जिले के 122 प्रवासी मज़दूरों और राजस्थान के कोटा से आये 63 छात्रों को आज आवश्यक नियमों का अनुपालन करने के निर्देश के साथ उन्हें उनके घर तक पहुंचा दिया गया। जिला प्रशासन की ओर से सभी मजदूरों और छात्रों के स्वास्थ्य की जांच करायी गयी तथा भोजन एवं राशन मुहैया कराने के साथ अधिकारियों की देखरेख में घर पहुंचाया गया।
बैंगलुरु से आए सभी मजदूरों का स्वास्थ जांच कर भोजन कराया गया। उनका डेटाबेस तैयार करने के उपरांत राशन के साथ उन्हें घर पहुंचाया गया। सभी को होम क्वारेंटीन में रहने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। इस बीच उपायुक्त राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में आज कोराना संक्रमण का जंग जीतने को लेकर पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा, शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन स्थानीय विधायक के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। बैठक में उपायुक्त ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि विधायक, उनके प्रतिनिधि, मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ जनता के सहयोग से जिला प्रशासन इस जिला को अभी तक कोरोना संक्रमण से मुक्त रखने में सफल रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से दुमका इस जंग को जीतने में अभी तक सफल रहा है।आगे भी सफल रहेगा।
उन्होंने बैठक में कहा कि मौटे तौर पर दुमका जिला के लगभग 13हजार से अधिक प्रवासी लोग अन्य राज्यों एवं जिले में फंसे हुए हैं। सहायता एप में अन्य राज्यों एवं जिलों में फंसे हुए लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न राज्य और जिलों के बीच समन्वय स्थापित कर सभी को अपना घर लाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि दुमका जिले में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के मद्देनजर बनाये गये क्वारेंटीन सेंटरों में दूसरे राज्यों के फिलहाल एक भी व्यक्ति नहीं है। सभी को उनके घर तक पहुंचा दिया गया है। लाक डाउन की वजह से फंसे जिले के निवासी प्रवासी नागरिकों के लिये वापस आने पर उन्हें तत्काल आउटडोर स्टेडियम में रखने की व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले प्रवासी नागरिकों के स्वास्थ जांच, डेटाबेस संकलन, कौशल निबंधन आदि के लिए काउंटर बनायये गये हैं। प्रवासी नागरिकों के आते ही उनका स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य जांच कर उन्हें भोजन कराने के बाद आवश्यक राशन उपलब्ध कराने के साथ घर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि सभी प्रवासी नागरिकों को 14 दिनों तक होम क्वारेंटीन में रहने के निर्देश दिये गये हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर सभी के स्वास्थ्य जांच के साथ निगरानी की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य खराब रहने की स्थिति उन्हें स्वास्थ्य सुविधा युक्त क्वारेंटीन सेंटर में रखने की व्यवस्था की जायेगी तथा उनके स्बाब सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिले के सभी नागरिकों से राशन कार्ड एवं मनरेगा जॉब कार्ड से संबंधित आंकड़े तैयार किये जा रहे है। यदि कोई मजदूर क्वारेंटिन अवधि समाप्त होने के बाद जिले में ही कार्य करना चाहते हैं तो जॉब कार्ड बनवा कर मनरेगा योजना के तहत उन्हें कार्य दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रवासी नागरिकों को अपने क्षेत्र में रहने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में माइकिंग के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है जिससे किसी प्रकार का भ्रम नहीं फैले। उपायुक्त ने बताया कि जिले के सभी लाभुकों के बीच मई माह तक का राशन वितरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। उनका आकलन कर लगभग सभी को राशन दे दिया गया है। यदि राशन समाप्त हो जाता है तो वह अपने मुखिया या प्रखंड विकास पदाधिकारी से संपर्क कर राशन प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में मुख्यमंत्री दीदी किचन एवं मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र से प्रतिदिन लगभग 25 हजार से अधिक लोगों को भोजन कराया जा रहा है।
उपायुक्त ने कहा कि राशन वितरण करने में लापरवाही बरतने से संबंधित शिकायतों का सत्यापन कराने के बाद 18 जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों के विरूद्ध स्पष्टीकरण पृच्छा की कार्रवाई की गयी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संदिग्ध एवं चिन्हित मरीजों के उपचार के लिए मधुबन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मोहुलपहाड़ी क्रिश्चियन अस्पताल, मोहुलपहाड़ी को कोविड केअर सेंटर (सीसीसी), दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर(डीसीएचसी) बनाया गया है। इसके अलावा हंसडीहा में नवनिर्मित अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल(डीसीएच) एवं वैकल्पिक कोविड-19 हॉस्पिटल के लिए चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि। जिले में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध है तथा स्वास्थ्य जांच से संबंधी कोई समस्या नहीं है।
उपायुक्त ने बताया कि जिले में मनरेगा योजना के तहत लगभग तीन हजार से अधिक योजनाओं पर कार्य शुरू कराया गया है जिसमें सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन करते हुए मजदूर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण योजना के तहत भी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। सभी मनरेगा मजदूरों को 31 मार्च तक का बकाया भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान के मसले पर गांव में खराब चापाकल को मरम्मत करने के लिए संबंधित विभाग को त्वरित कार्रवाई करने के निदेश दिये गये है तथा जहां चापाकल की आवश्यकता है वहां पर अधिष्ठापन करने को कहा गया है। बैठक के दौरान विधायक नलिन सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा सहित विधायक प्रतिनिधियों ने कोरोना से लड़ने के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की ।
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