सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कोल ब्लॉक नीलामी मामले में उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल करने के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड के लोग काफी लंबी लड़ाई के बाद अपने हक को लेकर जागरूक हुए है। उन्होंने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था क्यों ध्वस्त हुई है, कितने लोगों का रोजगार छीना है, उद्योग धंधे बंद हुए है कितने घरों का चूल्हा नहीं जल रहा है, केंद्र सरकार के निर्णयों से लोगों की जान क्यों जा रही है, सारी बातों को लेकर सभी चिंतित है। उन्होंने बताया कि झारखंड में पूर्व से ही भारत सरकार के कई उपक्रम संचालित है, क्या उन परियोजनाओं से विस्थापित होने वाले लोगों को हक मिल चुका है, क्या इन परियोजनाओं से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचा है। आज झारखंड के लोग लाल पानी और काला पानी पीने को मजबूर हुए है, माइनिंग क्षेत्र में सबसे अधिक बीमारियां सृजित हुई है, केंद्र सरकार को इन सभी बातों पर ध्यान देना होगा। अब राज्य सरकार ने पूर्ण तरीके से इन मामलों पर ध्यान देने का निर्णय लिया है और राज्य सरकार लोगों को हक और अधिकार दिलाने का काम करेगी।
भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न तनाव के बीच चीन के वस्तुओं का बहिष्कार किये की मांग पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि चीन के सामान की बिक्री होगी या नहीं, इसका निर्णय भारत सरकार को लेना है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज चीन के सामान का बहिष्कार करेंगे, कल नेपाल के सामान का बहिष्कार करेंगे, किसका-किसका बहिष्कार करेंगे, यह निर्णय भारत सरकार को लेना है। हेमंत सोरेन ने चीन के सामानों का बहिष्कार करने पर भारत सरकार ही निर्णय ले सकती है, इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है, केंद्र सरकार मौजूदा हालात को किस तरह से देख रही है, इस पर कई विशेषज्ञ भी चर्चा कर रहे है। उन्होंने कहा कि आज एक सीमा पर सिर्फ तनाव नहीं है, कई सीमा पर तनाव है, लेकिन चर्चा सिर्फ एक सीमा की हो रही है। केंद्र सरकार को देश की जनता के समक्ष स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, किटपिट तरीके से या कार्यकर्त्ताओं के माध्यम से संदेश देने की जगह देश के समक्ष स्पष्ट रूप से सारी बातों को रखनी चाहिए।
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