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“न्याय-मंच” के बैनर तले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को दी गयी श्रद्धांजलि

दिवंगत महान गणितज्ञ वशिष्ठ बाबू को केंद्र सरकार भारत रत्न दें-न्याय-मंच

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“न्याय-मंच” के बैनर तले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को दी गयी श्रद्धांजलि

सिटी पोस्ट लाइव : आज 18 नवंबर को पटना के बोरिंग रोड के ऑर्चिड मॉल में न्याय-मंच,बिहार के द्वारा महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंच के उपस्थित सदस्यों ने मृतक की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा। इस मौके पर न्याय-मंच ने केंद्र सरकार से महान गणितज्ञ को मरणोपरांत भारत-रत्न देने की मांग की। मंच ने बिहार सरकार से भी दिवंगत गणितज्ञ की याद में उनके नाम से विश्व विद्यालय खोले जाने की मांग की। इस बात की जानकारी देते हुए मंच के संयोजक मनोज लाल दास “मनु” ने कहा कि भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के महान गणितज्ञ दिवंगत वशिष्ठ नारायण सिंह जी के प्रति पूर्व और वर्तमान की राज्य और केंद्र की सरकार बिल्कुल संवेदनहीन रही ।इसी उदासीनता और संवेदनशीलता के अभाव के परिणाम,आज हमसबों के सामने है ।

एक महान विभूति और पुरोधा के गुनहगार तो सामाज़िक संगठनों के अलावे हमसभी भी हैं जो वशिष्ठ बाबू जैसे महान विद्वान,धरोहर और गणितज्ञ के लिए कुछ नहीं कर सके ।इसका अफसोस और मलाल केवल मंच को ही नहीं है बल्कि बिहार के तमाम शिक्षा प्रेमियों को भी होगा ।वशिष्ठ बाबू के जीते जी ना ही राज्य सरकार और ना ही केंद्र सरकार में बैठे बिहार के सियासी सूरमाओं ने ही,उनकी कोई सुध ली और ना ही उनके जीते जी कोई सम्मान ही उन्हें दिया ।इससे ज्यादा शर्मिदंगी वाली बात क्या हो सकती है ? अब मरने के बाद राजकीय सम्मान ?ऐसे सम्मान का क्या मतलब? सब दिखावा है ।इस मौके पर शायर एहशान शाम ने एक कविता पढ़कर महान गणितज्ञ को याद किया और कहा कि बिहार का सर्वसमाज भी अपनी माटी के लाल की जिंदगी बचाने के लिए कुछ नहीं कर सका,जो बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा ।

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी ललन सिंह ने कहा कि विदेशों द्वारा कई बड़े ऑफर को ठुकरा कर वशिष्ठ बाबू अपने वतन लौट आये इससे प्रतीत होता है कि वे एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे लेकिन इस राष्ट्र ने उनकी अहमियत और कीमत नहीं समझी ।इस मौके पर मंच के मीडिया संयोजक पवन राठौर ने वशिष्ठ बाबू को गणित के क्षेत्र में विद्वत्ता से परे का महानतम विद्वान बतलाते हुए कहा कि वे तो आइंस्टीन के सिद्धांतों को चुनौती देने वाले गणितज्ञ थे जिन्हें बिहार का “रामानुजम” भी कहा जाता था ।ऐसे अनमोल धरोहर को हमसबों ने खो दिया है जिसकी भरपाई सम्भव नहीं है ।ऐसे अमूल्य धरोहर के चले जाने से बिहार ही नहीं राष्ट्र को अपूर्णीय क्षति हुई है ।

श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले में मुख्य रूप से मंच के संयोजक मनोज लाल दास “मनु”,शायर एहशान शाम,ललन सिंह,नीरज कुमार सिंह,अधिवक्ता एम.आर. मल्लिक,राजेश सिंह,अधिवक्ता रविप्रकाश,अजीत सिंह,नितेश कछवाहा,केशव पांडेय,अभिषेक कुमार सिंह,नितेश यादव,अमित रॉय,संजय पांडेय,विकास सिंह, चंद्रभूषण सिंह,संजय कुमार सिंह, अश्विनी कर्ण,मीडिया संयोजक पवन राठौर सहित कई लोग शामिल थे ।

पीटीएन मीडिया ग्रुप के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

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