ज़िन्दगी और मौत के बीच फंस गई मासूम की जान, सायरन बजाती रही एम्बुलेंस!
सिटी पोस्ट लाइव : सासाराम के पास में पत्थर उधोग संघर्ष मोर्चा ने पूरे शहर के यातायात को ठप कर दिया। जिसके कारण कई एम्बुलेंस में इस जाम के बीच फ़स गई और एक मासूम अपनी ज़िंदगी और मौत के बीच लड़ने लगा। लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था में मुस्तेद पुलिस भी लाचार रही। गौरतलब है कि आज सासाराम मुख्यालय में पोस्ट आफिस चौक के पास जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पत्थर उधोग संघर्ष मोर्चा ने बंद हुए पत्थर उधोग को चालू करने के लीए हजारों की संख्या में लोग जिलाधिकारी के समक्ष जमा हुए थे। जिसके बाद पुरा पुरानी जीटी रोड का यातायात थम गया।चारों तरह सिर्फ गाड़ियां नजर आने लगी और लोगों के माथे पर परेशानियां दिख रही थी। उसी भीड़ में नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का एक एम्बुलेंस आ रही थी जिसमें एक साल का मासूम को बनारस इलाज के लिए ले जाया जा रहा था। लेकिन जाम की वजह से मासूम ज़िन्दगी और मौत के बीच लड़ने लगा। एम्बुलेंस ड्राइवर ने बताया कि बच्चे की हालत काफी नाजुक है लिहाज़ा उसे रेफर कर बनारस एम्बुलेंस से ले जाया जा रहा है लेकिन जाम की वजह से वो इस भीड़ में फस गए है। बहरहाल काफी देर तक एम्बुलेंस साइरन बजती रही। लेकिन पुलिस को कुछ समझ मे नही रही थी कि आखिर आई भीड़ से एम्बुलेंस को कैसे निकाला जाए। इतने बड़े प्रदर्शन में अनफन में ट्रैफिक व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों अपनी सूझ बूझ से जैसे तैसे कर उस एम्बुलेंस को जाम से बाहर निकाला जो काबिले तारीफ है।इसके बावजूद प्रसाशन इस बात को भली भांति जानती थी कि प्रदर्शन के दौरान ट्रैफिक पूरी तरह जाम हो जाएगी। उसके बावजूद शहर में आने वाले एम्बुलेंस व अन्य आवश्यक वाहनो के जाने के लिये क्यों नहीं वैकल्पिक मार्ग को बताया गया था, जबकि प्रशासन को पूर्व से पता था कि आज पत्थर व्यवसाइयों का धरना प्रदर्शन है? अनुमण्डला अधिकारी सासाराम गौतम कुमार से हमारे संवाददाता ने पूछा तो उन्होंने कहा की प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने को कहा था। अगर शांति में कोई खलल होगी तो उनलोगों पर विधिसंवत कार्यवाही की जाएगी।
रोहतास से विकाश चन्दन की रिपोर्ट
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