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दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे सफाई कर्मचारी, 32 वार्डों में मचा हाहाकार

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सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ नगर परिषद के सफाई कर्मचारी दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर ही रहे। इस हड़ताल की वजह से नगर परिषद के 32 वार्डो में हाहाकार मच गया है। कोरोना काल में सफाई का कार्य ठप होना लोगों के लिए अब चिंता का विषय बन गया है। पिछले 2 दिनों से शहरी क्षेत्र के इन 32 वार्डों में लगभग 1.5 लाख लोगों की आबादी इस हड़ताल से प्रभावित हो गई है। इन क्षेत्रों में न तो झाड़ू लगा है और ना ही कूड़ेदानों की सफाई हुई है। पूरे क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगना शुरू हो गया है।भारतीय कर्मचारी मजदूर यूनियन के बैनर तले 150 सफाई कर्मी हड़ताल पर बैठे हुए हैं। यूनियन के अध्यक्ष संजय ठाकुर ने बताया कि 3 सूत्री मांगों को लेकर उन्होंने अगस्त महीने में ही नगर परिषद के अधिकारियों को ज्ञापन दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि न्यूनतम मजदूरी और ₹2000 प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान होना चाहिए।

भत्ता के लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति भी दे दी है। लेकिन अधिकारी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब रामगढ़ क्षेत्र छावनी परिषद में था, तो सारे कार्य नियमानुसार हुआ करते थे। लेकिन जब से नगर परिषद का गठन हुआ है तब से यहां सफाई कर्मचारियों को काफी दिक्कत हो रही है। अभी तक यहां सफाई कर्मचारी अनुबंध पर ही काम कर रहे हैं। एक भी सफाई कर्मचारी की बहाली नगर परिषद के स्तर पर नहीं हुई है। संजय ठाकुर ने कहा कि अगर जल्द ही नगर परिषद के अधिकारी यूनियन के 3 सूत्री मांगों पर सहमति जताते हैं, उनकी हड़ताल अनिश्चित कालीन चलती रहेगी। हड़ताल में उपाध्यक्ष मुमताज अंसारी, सचिव विक्रम जोशी, उप सचिव सुमित श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष डब्ल्यू करमाली सहित सैकड़ों कर्मचारी शामिल हैं।

नगर परिषद ने हड़ताल को बताया असंवैधानिक
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव ने असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश है कि सफाई कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जाएंगे। इसके बावजूद सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल कर लोगों को परेशान करने का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सफाई कर्मचारियों की सारी मांगे जायज नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 2 दिनों से यूनियन के प्रतिनिधियों से बात की जा रही है। लेकिन सहमति जायज मांगों पर ही होगी।

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