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खुशी से झूम उठे लोग, कहा, मंदिर निर्माण का भूमि पूजन देख धन्य हो गई हमारी पीढ़ी

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सिटी पोस्ट लाइव, झांसी: सदियों से पीढ़ियों के इंतजार का आज क्रम टूट गया, जिन सपनों को लोगों ने अपने जीवन में पूर्ण होने की कभी कल्पना भी नहीं की थी। उसे पूरा होता देख लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। लोगों के जन्म जन्मान्तर की इच्छा जीते जी पूरी हो गई। लोग राजनैतिक द्वेष को छोड़ अपने प्रभु श्रीराम का गुणगान गाते नहीं थके। पत्रकारिता का धर्म निभाते हुए छुपते छुपाते कारसेवकों के भण्डारे के लिए खाद्य सामग्री भेजने वाले एनयूजेआई के सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार रामसेवक अडजरिया बताते हैं कि आज हम सबके सारे मनोरथ पूर्ण हो गए। हमने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारे सामने प्रभु श्रीराम का मंदिर निर्माण भी होगा। सबकुछ अपनी आंखों के सामने देखते हुए भी हमें यकीन नहीं होता। यह केवल सच्चे राम भक्त प्रधानमंत्री की अगुवाई में ही संभव हो सका हैं।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवी सिंह बताते हैं कि वह भले ही कांग्रेसी हैं,पर श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। उन्होंने अपनी दाढ़ी सिर्फ इसलिए नहीं बनवाई कि जब प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन सपन्न होगा तभी हम अपनी दाढ़ी कटवाएंगे। इस संबंध में रामभक्त अनीस खान ने भूमि पूजन की बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक दिन बताया। इस संबंध में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है। उस फैसले पर हम सभी को सहमत होना चाहिए। उस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने प्रभु श्रीराम का मंदिर निर्माण सभी के लिए आस्था का विषय है। इस संबंध मंे कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अरविन्द वशिष्ठ ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारे आदर्श हैं। हमारी आस्था का प्रतीक हैं। इस खुशी में हम सभी बुधवार शाम सात बजे शहर कांग्रेस कार्यालय में सुन्दर काण्ड का आयोजन कर रहे हैं। साथ ही दीपांजलि भी की जाएगी।
अपने राजा के मंदिर के भूमिपूजन से पूरा बुन्देलखण्ड हर्षित 
महानगर धर्माचार्य पं. हरिओम पाठक ने कहा कि आज प्रभु श्रीराम की अनन्य भक्त ओरछा की महारानी कुंवरगणेश की भक्ति सफल हो गई। उन्होंने बताया कि जब बाबर ने आक्रमण करते हुए जन्मभूमि का मंदिर तोड़ा। तो ओरछा की महारानी कुंवरगणेश रामजी को पुष्य नक्षत्र में पैदल चलते हुए ओरछा ले आई। अपने नौ पुत्रों के होते हुए उन्होंने प्रभु श्रीराम को बुन्देलखण्ड का राजा घोषित करते हुए राजतिलक कर दिया। साथ ही पूरा राज परिवार श्रीराम के भाई श्री भरत की तरह उनकी आज्ञा से टीकमगढ़ व पन्ना आदि नगरों में रहते हुए राज्य चलाने लगा। तब से आज तक पूरे बुन्देलखण्ड में भगवान श्रीराम को ही श्री रामराजा सरकार के रुप में पूजा जाता है।

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