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मोबाइल फोन मामले में स्पीकर ने दिया मुख्य सचिव को जांच कर इसी सत्र में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

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मोबाइल फोन मामले में स्पीकर ने दिया मुख्य सचिव को जांच कर इसी सत्र में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिये गये खराब मोबाइल फोन मामले में मुख्य सचिव को जांच कर इसी सत्र में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव के एक अल्प सूचित प्रश्न के उत्तर के दौरान सदन में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हस्तक्षेप करते हुए बताया कि मोबाइल फोन खरीददारी मामले में भारत सरकार से पत्राचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है। उन्होंने कहा कि खराब मोबाइल को रिप्लेस किया जाएगा और बाकी बचे मोबाइल की खरीद होगी। इससे पहले कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि दो वर्ष पहले केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराया था| उसे वितरित किया गया था लेकिन कुछ खराब मोबाइल फोन अभी पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन की खरीददारी भारत सरकार के माध्यम से की गई थी। उन्होंने बताया कि मोबाइल खराब हो जाने के बाद विभाग की ओर से संबंधित कंपनी को खराब मोबाइल को रिप्लेस करने का निर्देश दिया गया है| यदि 10 दिनों के अंदर मोबाइल फोन रिप्लेस नहीं किए जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि शेष नया मोबाइल खरीदने के लिए निविदा निकाली जा रही है।
भाजपा के राधा कृष्ण किशोर ने भी मोबाइल की आपूर्ति करने वाली कंपनी से पैसा वसूलने की मांग की जबकि प्रदीप यादव ने इस मामले में संबंधित कंपनी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर पैसा वसूलने और नए सिरे से मोबाइल की खरीददारी करने की मांग की। झाविमो के प्रदीप यादव ने कहा कि खराब मोबाइल आपूर्ति करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए तथा एफआईआर दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड की बात करती है तो इस मामले में क्यों नहीं एफआईआर दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले ही आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल दिया गया था। उसमें से ज्यादातर मोबाइल खराब हो गए हैं और आधे मोबाइल बांटे ही नहीं गए। दो साल में तकनीक काफी बदल गयी और अब नयी तकनीक के मोबाइल की आवश्यकता है| इसलिए पुरानी कंपनी से राशि वसूली जाए और उस पर एफआईआर दर्ज किया जाए। इसके अलावा नये सिरे से मोबाइल खरीद कर वितरित किया जाए।  राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने झाविमो के प्रदीप यादव के ही एक अन्य अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि वर्तमान में सामान्य एलपीजी उपभोक्ताओं का रिफिलिंग दर लगभग सात सिलेंडर प्रतिवर्ष है। जबकि प्रधानमंत्री उज्ज्वला लाभुकों का फीलिंग दर लगभग तीन सिलेंडर प्रतिवर्ष है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं के बीच रिफिलिंग को लेकर प्रचार प्रसार की जा रही है और इसका लाभ मिल रहा है। मंत्री सरयू राय ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत राज्य में 26 लाख 28 हजार से अधिक कनेक्शन लाभुकों को गैस कंपनियों द्वारा दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कितने उपभोक्ताओं ने अब तक काफी कम या कनेक्शन लेने के बाद एक भी रिफिलिंग नहीं की है। राय ने बताया कि 20 प्रतिशत लोगों की संख्या ऐसी है। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत लोग रिफिलिंग लगातार करवा रहे हैं। हालांकि कई लोगों की जरूरत कम होती है और वे कम रिफिलिंग करवाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को शत प्रतिशत लाभकारी बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सामुदायिक स्तर पर एलपीजी पंचायत का आयोजन कर उपभोक्ताओं, विशेषकर महिलाओं में इसके फायदे के संबंध में जानकारी उपलब्ध करा कर जागरूकता लाई जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में 2700 एलपीजी पंचायत का आयोजन किया गया। इसके अलावा ऑडियो-वीडियो प्रचार माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लाभुकों को एसएमएस के माध्यम से जागरूकता संदेश भेजे जा रहे हैं। नियमित सामान्य उपभोक्ता और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं के बीच संपर्क स्थापित करवाकर लाभुकों को जागरूक किया जा रहा है।

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