रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में लगातार एक के बाद एक नये खुलासे हो रहे है। जांच मनरेगा घोटाले से शुरू हुई थी लेकिन अब यह अवैध खनन की तरफ मुड़ गया है। ईडी ने बुधवार को बताया कि अवैध रूप से खनन किए गए पत्थर के चिप्स बांग्लादेश भेजे जाते हैं।
यह भी खुलासा हुआ है कि खनन माफियाओं का एक मजबूत नेटवर्क है, जो ऐसे काम को अंजाम देता है। ईडी ने पिछले दिनों साहिबगंज, दुमका और पाकुड़ के खनन पदाधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ में दो जिलों के खनन पदाधिकारियों ने ईडी के समक्ष यह खुलासा किया। पूछताछ के दौरान, पाकुड़ और दुमका के खनन अधिकारियों ने पंकज मिश्रा का भी नाम लिया है। संथाल परगना में माइनिंग बिजनेस को पंकज मिश्रा कंट्रोल करते थे।
बताया जा रहा है कि कि ईडी ने संबंधित जिला प्रशासन को खनन और परिवहन चालान सहित सभी दस्तावेज जमा करने को कहा है। ईडी ने कहा है कि अवैध खनन और परिवहन के जरिए न सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग की गई है, बल्कि सरकार को रॉयल्टी का भी नुकसान हुआ है। ईडी के मुताबिक, खनन सिंडिकेट में पश्चिम बंगाल के भी कुछ लोग शामिल हैं। यह सिंडिकेट संथाल परगना के तहत इन तीन जिलों में संपूर्ण खनन गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि स्टोन चिप्स रेलवे मालगाड़ी के जरिये बांग्लादेश तक भेजे जाते हैं। पत्थर के परिवहन के लिए जारी चालान के खिलाफ स्टोन चिप्स का परिवहन किया जाता है।
यहां तक कि कुछ ऐसे मामले भी देखे गए हैं, जहां बिना किसी परिवहन परमिट के रेलवे द्वारा माल ढुलाई की गई थी। कुछ मामले ईडी के संज्ञान में लाए गए हैं। इनमें एक ओटन दास एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, स्टोन इंडिया और एनएसएस एंड कंपनी का मामला भी शामिल है। पाकुड़ में खनन में हिस्सेदारी रखने वाली इन कंपनियों पर रेलवे के जरिये पत्थर पहुंचाने का आरोप है।
उधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी लगातार आईएएस पूजा सिंघल और सीए सुमन कुमार सिंह से पूछताछ कर रहे है। इससे पहले बुधवार को चिकित्सकों की टीम ने पूजा सिंघल और सुमन सिंह की जांच की, जिसमें दोनों पूरी तरह से फिट पाए गए। ईडी आईएएस पूजा सिंघल और सीए सुमन कुमार को आमने- सामने बैठाकर उनके मोबाइल चार्ट में मिले मामले के बारे में पूछताछ कर रही है।
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