सिटी पोस्ट लाइव, गोरखपुर: गोरखपुर में 31 वर्ष बाद आई इतनी बरसात से भले ही शहरवासियों को दो-चार होना पड़ा, लेकिन किसानों को इसका बहुत अधिक फायदा हुआ है। गन्ने, मक्के की फसलों की मुफ्त में सिंचाई हुई तो इनके चेहरे खिल उठे और अब फसलों की हरियाली लौटने की खुशियां इनसे छिपाए नहीं छिप रही है। या यूं कहें कि प्यास से तड़प रही प्रकृति का रोम-रोम खिल उठा। इन मंडलों के कई जिलों में अभी फुहारें आने की सूचनाएं हैं। मौसम विभाग के पैमाने पर पिछले 24 घंटे में 80.6 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। यह पिछले 31 वर्षों में मई की सर्वाधिक बारिश है। इससे पहले 1998 में 20 मई को 118 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई थी। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के अनुसार बारिश का यह क्रम शुक्रवार तक जारी रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि शुक्रवार को हल्की बारिश होने के ही आसार हैं।
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अरब सागर से उठे तूफान ‘ताऊ-ते’ का प्रभाव पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला। मई में ही मानसूनी बारिश की बानगी दिख गई। बुधवार को हल्की बारिश से शुरू हुआ सिलसिला गुरुवार तक भारी बारिश में बदल गया। गोरखपुर-बस्ती मंडलों के लगभग हर जिले में बदल झूम कर बरसे। इससे बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर की धरती की प्यास तृप्त हुई। धरती की गोद में खड़ी प्यासी फसलों की प्यास बुझी और किसानों के गन्ना, मक्का आदि फसलों की मुफ्त में सिंचाई हो गयी। प्रकृति भी पुलकित हुई। हालांकि यह बारिश गोरखपुर में बुधवार की देर रात से शुरू हुई थी और गुरुवार की दोपहर तक जारी रही। शाम तीन बजे के आसपास थोड़ी राहत मिली। लगातार बारिश के चलते शहर में कई स्थानों पर जल-जमाव की स्थिति बन गई और शहरवासियों को समस्या से दो-चार होना पड़ा।
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