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युवा व छात्र में कोविड के समय में मानसिक समस्या का हल बताएंगे विशेषज्ञ

6 जून को शाम 4.00 बजे से आयोजित कर रहा ऑनलाइन सत्र

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सिटी पोस्ट लाइव : भारत की 60 प्रतिशत आबादी युवा है। ये स्कूल या कॉलेज जाते हैं। लेकिन कोविड की वजह से पिछले 15 माह से ये न तो स्कूल जा पा रहे हैं और न ही कॉलेज। यहां तक घर के पास के मैदान और पार्क में भी नहीं जा पा रहे हैं। न दोस्तों से मिलना हो रहा है और न ही मोहल्ले वाले से मिल बैठ काॅफी पी पा रहे हैं। घर में पूरी तरह बंद हैं। ऐसे में समाज का यह वर्ग मानसिक परेशानियों की ओर बढ़ रहा है। लेकिन सार्वजनिक मंचों पर इस पर बातें नहीं हो रही हैं। इन्हीं परेशानी को देखते हुए एडवांटेज केयर ने मानसिक स्वास्थ्य विषय पर छह जून को 4.00 से 5.30 बजे तक एक ऑनलाइन सत्र आयोजित कर रहा है, जिसमें युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य, समस्या और उससे उबरने के तरीकों पर चर्चा होगी।

चर्चा जूम और यूट्यूब https://www.youtube.com/watch?v=BdjA2Yf39W4 पर देखा जा सकता है। यह निःशुल्क है। देश-विदेश से कहीं से कोई भी व्यक्ति, युवा व अभिभावक कार्यक्रम से जुड़ कर लाभ उठा सकते हैं। एडवांटेज केयर के संस्थापक खुर्शीद अहमद ने बताया कि चर्चा में अध्यक्ष, लेखक और निर्देशक रौशन अब्बास (मुंबई), रसायन शास्त्र के प्रोफेसर सैय्यद नफीस हैदर (पटना) और मनोवैज्ञानिक व उम्मीद काउंसलिंग एंड कंसल्टिंग सर्विसेज की निदेशक सलोनी प्रिया (कोलकाता) विशेषज्ञ के रूप में शामिल होंगी।

वहीं एलएक्सएल आइडियाज के एमडी और चीफ लर्नर सैयद सुल्तान अहमद कार्यक्रम के मॉडरेटर होंगे। श्री सैयद ही कार्यक्रम की रूपरेखा तय किए हैं। दो विद्यार्थी आरव त्रिपाठी (जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, लखनऊ) और स्नेहा जैन (डीपीएस, बेंगलुरु दक्षिण) भी कार्यक्रम में शामिल होगी। ये विद्यार्थी छात्र व युवा की परेशानी रखेंगे।

बच्चों की मानसिक स्थिति पर काफी असर पड़ा हैः सुल्तान अहमद

शिक्षाविद् और निर्धारित कार्यक्रम के मॉडरेटर सैयद सुल्तान अहमद का कहना है कि कोरोना महामारी में सिर्फ स्वास्थ्य, टीकाकरण आदि पर चर्चा हो रही है। लेकिन इसका एक और पहलू है। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर इस महामारी का गंभीर असर पड़ा है। 14-15 माह से बच्चें घरों में कैद हैं। वो मेंटल ट्रामा का सामना कर रहे हैं। लेकिन इस पर बात नहीं हो रही है। बच्चों की जब बात आती है तो सिर्फ परीक्षा पर बात होती है। जबकि बच्चों के लाइफ स्टाइल में काफी अंतर आया है। शारीरिक गतिविधि बिल्कुल रुकी हुई है, जबकि स्क्रीनिंग काफी बढ़ गया है। बच्चों की आदत नहीं थी कि वो इतना समय घर में या परिवार के साथ रहे हैं। वो स्कूल जाते थे, दोस्तों से मिलते थे। समाज के अन्य लोगों से मिलते थे। इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर हमने युवा व छात्र के मानसिक स्वास्थ्य विषय पर चर्चा रखी है।

कई न्यूज पोर्टल पर भी कार्यक्रम लाईव प्रसारित होगा

खुर्शीद अहमद ने बताया कि यूट्यूब पर कार्यक्रम तो प्रसारित होगा ही। कई न्यूज पोर्टल से भी इस कार्यक्रम को प्रसारित करने की बात चल रही है। इसमें लाइव सिटीज, सिटी पोस्ट, फर्स्ट बिहार-झारखंड, नौकरशाही डॉट कॉम आदि शामिल है। दर्शक इन वेब पोर्टल पर जाकर भी तय समय पर कार्यक्रम देख सकते हैं।

एडवांटेज केयर की स्थापना एडवांटेज सपोर्ट के अंतर्गत स्वास्थ्य संबंधी वर्तमान समस्या को देखते हुए इसी वर्ष किया गया है। एडवांटेज ग्रुप ने सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व) के लिए एडवांटेज सपोर्ट की स्थापना वर्ष 2007 में की थी। प्रसिद्ध सर्जन डॉ. ए.ए. हई एडवांटेज सपोर्ट के अध्यक्ष हैं। खुर्षीद अहमद एडवांटेज सपोर्ट के सचिव हैं। वहीं ट्रस्टी के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर सैय्यद सबा करीम, भारती भवन के प्रकाषक एवं वितरक संजीब बोस, शिक्षाविद प्रो. सैय्यद नफीस हैदर, वरिष्ठ पत्रकार संजय सलील, डॉ. रंजना कुमारी, चेयरपर्सन ऑफ वोमेन पावर कनेक्ट, शिक्षाविद सैयद सुल्तान अहमद, फैजान अहमद, डाॅ. परवेज अख्तर, रिटायर्ड डीआईजी, ओवियन चेलवेन, राजीव रंजन और चंद्रमणि सिंह शामिल हैं।

एडवांटेज ग्रुप 29 साल पुरानी कंपनी है, जो पीआर, विज्ञापन, पब्लिक अफेयर, इवेंट्स, एक्टिवेशन आदि क्षेत्र में सक्रिय है। कोविड महामारी में एडवांटेज केयर ने काफी काम किया। कई लोगों को अस्पताल में बेड दिलवाने में मदद की, ऑक्सीजन की व्यवस्था की। दो एंबुलेंस भी मुफ्त में शहरवासियों को उपलब्ध कराया है, अबतक 20 लोगांे ने इस सेवा का लाभ उठाया है। यही नहीं, एडवांटेज केयर अस्पताल में भर्ती मरीज के 4000 परिजनों एवं जरूरतमंदों को खाना खिला चुके हैं और 5000 लोगों को खाना भी मुहैया करा रहा है।

एडवांटेज केयर लोगों को कोरोना टीकाकरण के लिए जागरूक बना रही है और अबतक 54 लोगों का टीकाकरण करवा चुकी है।पिछले रविवार को आयोजित कार्यक्रम काफी सफल हुआ था,अहमद ने बताया कि पिछले रविवार को इस तरह की चर्चा की शुरुआत की गई, जो काफी सफल रहा। लोगों ने काफी सराहा। कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया था। जिसमें देश के नामचीन लोग हिस्सा लिए थे। 900 लोग कार्यक्रम से सीधे जुड़े जबकि प्रिंट, इलेट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से 28 लाख लोेगों ने कार्यक्रम में हुई चर्चा के बारे में पढ़ा और जाना।

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