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सीआरपीएफ ने मनाया 80 वां स्थापना दिवस

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सीआरपीएफ ने मनाया 80 वां स्थापना दिवस

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: केद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का 80 वां स्थापना दिवस समारोह मंगलवार को झारखंड में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर रांची के ग्रुप केन्द्र में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सबसे पहले मुख्य अतिथि सीआरपीएफ के डीआईजी मनीष सच्चर ने क्वार्टर गार्ड पर सलामी ली और सीआरपीएफ के अमर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए शहीद स्मारक जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर उन्होंने वहाँ उपस्थित अधिकारियों और जवानो को इस पावन अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि वीर शहीदों की शहादत हमारे लिये प्रेरणास्त्रोत हैं, जो हमें हौसला एवं हिम्मत देती है। उन्होंने कहा कि हमारा बल विश्व का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है और यह महान बल न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा के प्रति सजग एवं सचेत है बल्कि सामाजिक सरोकार एवं मानवता के प्रति भी उतना ही प्रतिबद्ध है। उन्होने बताया कि जहां एक तरफ झारखण्ड राज्य में तैनात सीआरपीएफ नक्सलियों का सामना कर उन्हे मुहॅतोड़ जबाव दे रही है वही दुसरी तरफ सामाजिक कार्यो को भी पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रही है। सीआरपीएफ द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन कर पिछले वर्ष में लगभग 1500 यूनिट रक्तदान कर ब्लड बैंकों को सौंपा है। साथ ही पूरे राज्य में दुर्लभ रक्त समूह के कार्मिको को चिन्हित कर रखा है ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसी जरूरतमंद को तत्काल प्रभाव से रक्त उपलब्ध कराया जा सके। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है। सीआरपीएफ द्वारा झारखण्ड राज्य के सूदुर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास योजना के तहत सैकड़ों लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करवाया गया जिससे आज वह एक अच्छे जीवन यापन के योग्य है। सीआरपीएफ की ओर से समय-समय पर सिविक एक्शन प्रोग्राम के माध्यम से सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री एवं चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जा रहा है। उन्होने बताया कि हमारे महान बल की गौरवमयी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए झारखण्ड सेक्टर, सीआरपीएफ की ओर से राज्य में नक्सलियों के विरूद्व निरंतर अभियान चला रही है। राज्य के विभिन्न भागों में फैले नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करके कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में सीआरपीएफ ने बड़ी अहम भूमिका निभाई है तथा भविष्य में भी अपने वीरतापूर्वक कार्यो से देश व राज्य की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रयत्नशील रहेगी। उन्होंने बताया कि दो जुलाई 2010 को झारखंड के राजधानी रांची के धुर्वा में में सेक्टर कार्यालय की स्थापना की गई थी। इसके अधीन वर्तमान में चार परिचालन रेंज कार्यालय, दो ग्रुप केन्द्र, बीस बटालियन, दो कोबरा बटालियन और एक द्रुत कार्य बल बटालियन तैनात है, जो मुख्य रूप से नक्सल विरोधी अभियान में कार्यरत है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में सीआरपीएफ के हाथों कई इनामी नक्सली मारे गए एवं कई नक्सलियो को गिरफ्तार किया गया है। सीआरपीएफ के सफल अभियान के मद्देनजर कई इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है एवं भारी मात्रा में हथियार, आईडी एवं विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया है। झारखण्ड सेक्टर के अस्तित्व में आने के बाद सीआरपीएफ के जवानों को उनके अदम्य साहस और वीरता तथा सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। जिसमें शौर्य चक्र, राष्ट्रपति का पुलिस वीरता पदक, वीरता पदक, पराक्रम पदक, महानिदेशक का डिस्क एवं महानिदेशक तथा पुलिस महानिरीक्षक द्वारा प्रशंसा पत्र शामिल है। यह झारखंड राज्य में तैनात बल के अधिकारियों और जवानों की निष्ठापूर्ण देशसेवा एवं बहादुरीपूर्ण कार्यो को दर्शाता हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रति अहम जिम्मेवारी जो हमें सौंपी गई है उसे हमारे बहादुर जवान बड़े हौसले, हिम्मत और तत्परता से निभा रहे हैं। हमारे बहादुर जवानों के अदम्य साहस और वीरता के कारण नक्सलियों को करारा जवाब दिया जा रहा है। जिससे नक्सलियों को अपना कदम पीछे लेने के लिए मजबुर होना पड़ रहा है। कार्यक्रम में सीआरपीएफ के डीआईजी दीपक बनर्जी, अमिय सरकार, कमांडेंट प्रभात संदवार, कमांडेंट कैलाश,कमांडेंट
विकास पांडेय सहित सीआरपीएफ के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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