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NDA का टूटना हो गया तय, LJP ने नीतीश के सात निश्चय को बताया भ्रष्टाचार का पिटारा

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की सियासत से सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। अब एनडीए में टूट तय माना जा रहा है। चिराग पासवान का पार्टी एलजेपी में नीतीश सरकार के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। इस बीच कल चिराग पासवान ने पार्टी से संसदीय दल की बैठक बुलायी हैं जिसमें वे एनडीए छोड़ने का एलान कर सकते हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने कल, शनिवार 3 अक्टूबर को, पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस बैठक में एनडीए के साथ सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान के बीच चिराग पासवान कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।

इधर लोजपा का बड़ा आधिकारिक बयान सामने आया है जिसमें पार्टी ने नीतीश सरकार की सात निश्चय य़ोजना को भ्रष्टाचार का पिटारा बताते हुए सीधा हमला बोल दिया है। पार्टी ने सात निश्चय योजना पर बड़े-बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान भी सात निश्चय योजना पर कहा था कि ये नीतीश कुमार की योजना है न कि एनडीए सरकार की।

अगर बात करें  तो एनडीए में बने रहने को लेकर एलजेपी के अधिकतर पुराने नेता, सांसद और विधायक
अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से कर रहे हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि लोजपा अकेले चुनाव लड़े। एलजेपी अगर अकेले मैदान में उतरती है तो कम-से-कम 143 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी। वहीं, अगर एनडीए में बने रहकर पार्टी चुनाव मैदान में उतरती है तो उसके काफी कम उम्मीदवार को मौका मिलेगा।

गौरतलब हो कि एनडीए के तहत वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी के 42 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार एनडीए का हिस्सा जेडीयू भी है। जेडीयू की दावेदारी काफी अधिक है। ऐसे में एनडीए के तहत 2015 के बराबर एलजेपी को सीटें मिलनी मुश्किल है। दूसरी समस्या यह है कि एनडीए के तहत एलजेपी लड़ती भी है तो उसे कौन-कौन सी सीटें मिलेंगी, यह तय नहीं है। सीटों पर ही तय होगा कि किसे टिकट मिलेगा और किसे नहीं। वर्ष 2015 में एलजेपी को दो सीटों पर विजय मिली थी। वहीं तरारी विधानसभा में एलजेपी के उम्मीदवार मात्र 272 वोट से माले से हार गए थे।

ऐसे में एलजेपी किसी भी कीमत में तरारी सीट छोडने को तैयार नहीं है। वहीं, इस सीट पर भाजपा भी अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। इन्हीं सब कारणों से एलजेपी के टिकट के दावेदार खासे परेशान हैं। एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान की भाजपा के आला नेताओं से कई दौर की बात हुई है और यह जारी भी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर ऊंट किस करवट बैठता है।

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