सिटी पोस्ट लाइव, रांची: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नामांकन प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंचने और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) द्वारा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर देने के बाद अब सभी पार्टी नेताओं और उनके समर्थक कार्यकर्त्ताओं का ध्यान संबंधित विधानसभा क्षेत्र में केंद्रित हो गया है। इसका असर रांची के केली बांग्ला के इर्द-गिर्द भी देखने को मिल रहा है। गठबंधन की घोषणा होने के पहले बिहार के विभिन्न हिस्सों से आए सैकड़ों आरजेडी कार्यकर्ता केली बंगला के आसपास मंडराते नजर आते थे लेकिन अब बिहार से आने वाले नेताओं कार्यकर्ताओं का हुजूम कम हो गया है।
सोमवार को भी बिहार के अरवल जिले से मिलने आये आरजेडी के नेता को निराशा हाथ लगी। नाम नहीं छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि लालू प्रसाद यादव की ओर से रांची आने वाले सभी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं को यह सख्त हिदायत दी जा रही है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र रहकर पार्टी की जीत सुनिश्चित करें, टिकट किसे मिलता है यह अब महत्वपूर्ण नहीं है, चुनाव में हर हाल में आरजेडी गठबंधन की जीत हो, इसके लिए सभी अपनी पूरी ताकत लगाये। लालू प्रसाद यादव ने यह भी भरोसा दिलाया है कि यदि विधानसभा में टिकट नहीं भी मिलता है, तब भी संगठन के वरिष्ठ नेताओं को चुनाव में जीत मिलने के बाद विधान परिषद और अन्य स्थानों पर एडजस्ट किया जाएगा।
इधर, केली बांग्ला में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में दिन रात लगे झारखंड पुलिस के एक अधिकारी ने भी बताया कि कुछ दिनों तक बिहार से आरजेडी नेताओं कार्यकर्ताओं का जमावड़ा रिम्स निदेशक के बंगले के बाहर लगा रहता था और उन्हें यह समझाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था कि जेल मैनुअल के तहत सप्ताह में सिर्फ तीन लोगों को ही लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन बिहार से आए ऑलरेडी कार्यकर्ता इससे असंतुष्ट नजर आते थे।
इधर, लालू प्रसाद भले ही अपने नेताओं को चुनाव मैदान में तैयारी में जुटने का निर्देश दे रहे है, इसके बावजूद अगले चरण में होने वाले विधानसभा सीटों के दावेदार अपना टिकट पक्का कराने के लिए केली बंगला पहुंच रहे है।
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