सिटी पोस्ट लाइव : जहां आरजेडी के मंथन में ये बात सामने आयी कि एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने बीजेपी के एजेंडे को पूरा किया और जेडीयू को नुकसान पहुंचाया। हकीकत है कि नीतीश कुमार का वोट तो बीजेपी को मिला पर बीजेपी का वोट नीतीश के बदले चिराग के उम्मीदवारों को मिल गया।इस वजह से पहली बार बीजेपी को नीतीश कुमार की वजह से एक मजबूत जमीन मिल गई। कुछ वैसा ही जेडीयू के मंथन में भी निकलकर सामने आया सभी ने हार की वजह एलजेपी कैंडिडेट को बताया ।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा राज्यपाल को सौंपने के बाद बिहार के कार्यवाहक सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार की शाम अपने दल जेडीयू के हारे हुए करीब तीन दर्जन प्रत्याशियों से मुलाकात की। उन्होंने इनसे उनकी हार की वजह जानी। इनमें से कई ऐसे थे जो पिछले तीन-चार चुनावों से लगातार जीत रहे थे पर अबकी चुनाव हार गए। नीतीश कुमार ने सबकी बातें सुनी और उन्हें कहा कि घबराने की बात नहीं है। नई ऊर्जा के साथ फिर से लगना है। राजनीति में हार-जीत लगी रहती है। सबलोग नए सिरे से काम कीजिए। ज्यादातर हारे हुए प्रत्याशियों ने अपनी हार की वजह लोजपा को बताया।
शाम सवा पांच बजे जदयू दफ्तर पहुंचे नीतीश कुमार ने प्रत्याशियों से वन-टू-वन बात की। इस दौरान उनके साथ पार्टी मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में आरसीपी सिंह , विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, संजय झा, अली अशरफ फातमी, देवेश चन्द्र ठाकुर और नीरज कुमार भी मौजूद रहे। जदयू नेताओं ने खुलकर अपनी हार का कारण बताया। वहीं कइयों ने विपक्ष में वाम दलों से आयी मजबूती की भी जानकारी दी।
नीतीश कुमार ने प्रत्याशियों से वन-टू-वन बात की। इस दौरान उनके साथ पार्टी मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में आरसीपी सिंह , विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, संजय झा, अली अशरफ फातमी, देवेश चन्द्र ठाकुर और नीरज कुमार भी मौजूद रहे। जदयू नेताओं ने खुलकर अपनी हार का कारण बताया। वहीं कइयों ने विपक्ष में वाम दलों से आयी मजबूती की भी जानकारी दी।
बता दें कि 17वीं विधानसभा का चुनाव अनेक मायनों में अलग रहा। संभवत: यह पहला चुनाव होगा जिसमें कोई दल सिर्फ किसी खास दल को नुकसान पहुंचाने का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरा हो। उसे अपनी पार्टी के लिए कुछ हासिल भी नहीं करना था। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने जनादेश के अगले दिन बाजाब्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया कि उनका लक्ष्य जदयू को नुकसान पहुंचाना था और इसमें वह सफल रहे। उनका एक दावा और भी कि उन्होंने भाजपा को लाभ पहुंचाया? वह एक तरह से खुद को मास्टर प्लेयर बता रहे हैं, यानी बीजेपी को अधिक सीटें और जेडीयू को कम सीटें आने का सेहरा उनके सिर बंधा है।
चिराग पासवान चुनावों के दौरान कभी खुद को पीएम का हुनमान तो कभी एनडीए का हिस्सा होने का दावा मजबूती से करते रहे, जिसका कमोबेश असर चुनाव में पड़ा। पहले चरण में 71 सीटों के लिए हुए मतदान में लोजपा को सबसे अधिक 10.81 फीसदी, जबकि तीनों चरणों में कुल 5.66 प्रतिशत वोट मिले। पहले चरण में लोजपा ने सबसे कम 41 उम्मीदवार उतारे थे। दूसरे में 52 और तीसरे में 42 उम्मीदवार लोजपा के थे।
नीतीश कुमार से जिन नेताओं मुलाकात कर हार पर चर्चा की उनमें मंत्री रहे कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, रमेश ऋषिदेव, संतोष निराला, मनीष कुमार, चन्द्रसेन प्रसाद, पहली बार चुनाव लड़ने वाली आसमां परवीन आदि प्रमुख थे। इस दौरान पार्टी नेता संजय गांधी और नवीन कुमार आर्य भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने बीजेपी के कई नेता शुक्रवार की शाम जेडीयू कार्यालय पहुंचे। चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले इन नेताओं में विनोद नारायण झा, प्रमोद कुमार, नितिन नवीन और संजीव चौरसिया शामिल थे। नीतीश कुमार ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
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