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बाहर में फंसे मजदूरों को 2000 रुपये की मिलेगी आर्थिक सहायता: उरांव

मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में लिये गये कई महत्वपूर्ण निर्णय

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बाहर में फंसे मजदूरों को 2000 रुपये की मिलेगी आर्थिक सहायता: उरांव

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और  वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि झारखंड सरकार लॉकडाउन में दूसरे सूबे में फंसे राज्यवासियों को डीबीटी के माध्यम से 2000 रुपये उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है, इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करने के बाद कल तक निर्णय ले लिया जाएगा। डॉ. उरांव गुरुवार को रांची में कोविड-19 को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उपसमिति की बैठक में मंत्री चंपई सोरेन, सत्यांनंद भोक्ता और बन्ना गुप्ता उपस्थित थे।

वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में लॉकडाउन में बाहर में फंसे मजदूरों को राहत और मदद पहुंचाने को लेकर गंभीरतापूर्वक विचार किया गया। उन्होंने बताया कि कितनी संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे है,इसका मिलान किया जा रहा है और आंकड़ा एकत्रित किया जा रहा है। इस संख्या का पता लगाने में सांसद और विधायक महत्वपूर्ण माध्यम है, वहीं सही और पूरी संख्या का पता लगाने के लिए मुखिया और आंगनबाड़ी सेविकाओं से भी मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण की ओर से संकट की ऐसी घड़ी में सहायता उपलब्ध करायी जाती है, बाहर में फंसे प्रवासी श्रमिकों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम करना हर सरकार की ड्यूटी है, इस संबंध में झारखंड सरकार दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात करेगी और जहां लोग फंसे है, उन्हें मदद उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। डॉ. उरांव ने बताया कि बिहार-ओड़िशा समेत कई राज्यों ने बाहर में फंसे प्रवासी श्रमिकों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है, राज्य सरकार भी डीबीटी के माध्यम से ऐसे लोगों को 2000 रुपये की राशि उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है, मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श के बाद इस संबंध में जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद लाखों की संख्या में लोग वापस लौटेंगे, ऐसे लोगों के लिए रेलवे से फ्री ट्रेन चलाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया जाएगा, इसके अलावा पड़ोसी राज्यों और निकटवर्ती जिलों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए बसों का भी इंतजाम किया जाएगा। डॉ. उरांव ने कहा कि लाखों लोग लौटेंगे, उनसभी के स्वास्थ्य जांच की समुचित व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए व्यापक पैमाने पर सामुदायिक केंद्रों और पंचायत भवनों में क्वारंटाइन सेंटर बनाये जा रहे हैं, जांच के बाद ही लोग अपने घर जा पाएंगे और 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहेंगे, वहीं जिन पर थोड़ा ही संदेह होगा, उन्हें सरकारी क्वारंटन सेंटर में 14 दिनों तक रहना होगा और पूरी संतुष्टि के बाद ही वे अपने घर पाएंगे,ताकि संक्रमण के खतरे को शून्य किया जा सके।

मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि लॉकडाउन के बाद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना बड़ी जिम्मेवारी है। 20 अप्रैल के बाद खेती-बारी और कृषि कार्य को लेकर व्यापक छूट दी जाएगी, इसके अलावा निकाय क्षेत्रों के बाहर निर्माण कार्य को भी मंजूरी दी जाएगी। साथ ही 20अप्रैल से मनरेगा योजनाओं के काम भी प्रारंभ किये जाएंगे, इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम द्वारा आवश्यक राशि उपलब्ध करा दी गयी है। ईट भट्ठा में भी काम करने की छूट दी जाएगी, अन्य क्षेत्रों में भी छूट को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इधर, प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19)समिति की ओर से पार्टी के प्रदेश कार्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष के माध्यम से अप्रवासी मजदूरों की सूची तैयार करने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अलावा समिति के समन्वयक रौशन लाल भाटिया, सदस्य प्रदीप तुलस्यान, आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता और लाल किशोरनाथ शाहदेव द्वारा गुरुवार को भी रांची के अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये फोन के बाद उन्हें राशन, अनाज और अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का काम किया गया। यह नियंत्रण कक्ष लॉकडाउन लागू रहने तक काम करता रहेगा।

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