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रेमडेसिविर कालाबाजारी मामला: किसी को अप्रूवर बनाने से पहले कोर्ट को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड हाई कोर्ट में रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में रेमडेसीविर कालाबाजारी मामले में सुनवाई की। अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में मौजूद केस आईओ से पूछा कि आपने इस मामले में किसी को अप्रूवर बनाया है। इसपर केस आईओ ने पहले कहा कि नहीं फिर बाद में केस आईओ के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि हां हमने एक व्यक्ति को अप्रूवर बनाया है। अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि हम यह कहना नहीं चाहते कि आपलोग एक आरोपी की मदद करना चाहते हैं, लेकिन जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे लगता है कि कुछ गड़बड़ है।

अदालत ने सरकार से एक सप्ताह में जवाब मांगते हुए पूछा कि आपने कोर्ट को बिना बताए या दिखाए चार्जशीट कैसे फाइल कर दी। किसी को अप्रूवर बनाने या नहीं बनाने का निर्णय बिना कोर्ट को विश्वास में लिए कैसे ले लिया गया। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम का नेतृत्व कर रहे आईपीएस अधिकारी अनिल पालटा की ओर से आइए फाइल कर कोर्ट को बताया गया कि वे किसी कारणवश अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते। जबकि मामले की जांच कर रहे केस आईओ अदालत के समक्ष वीसी के जरिए उपस्थित रहे। सीआईडी के एडीजी प्रशांत सिंह कोर्ट के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए।

उल्लेखनीय है कि झारखंड में रेमडेसिविर एवं अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों की कालाबाजारी की खबरों पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है और इस मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई की जा रही है। झारखण्ड हाई कोर्ट लगातार इस मामले को मॉनिटरिंग कर रहा है और इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत में कई बार नाराजगी जाहिर की है।

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