रांची: राजधानी रांची में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामले को देखते हुए जिला प्रशासन लगातार सावधानी बरत रही है। इसी क्रम में रांची के उपायुक्त छवि रंजन मंगलवार को सदर अस्पताल पहुंचे। उपायुक्त ने सदर अस्पताल में व्यवस्था का जायजा लिया।
इस समय सदर अस्पताल में 18 कोविड मरीज भर्ती हैं। जगह-जगह पर पड़ी गंदगी को लेकर उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। अस्पताल के गेट से लेकर बिल्डिंग के गेट तक खराब रास्ते और नाली के बीच के लेवलिंग में लगभग चार फुट का अंतर को देख उन्होंने जूनियर इंजीनियर को फटकार लगायी। उन्होंने फायर फाइटर के लिए लगाए गए पाइपों का जायजा लिया। पाइप अव्यवस्थित ढंग से लगाए जाने पर भी फटकार लगाई।
उपायुक्त ने अस्पताल में बेड की व्यवस्था और सुविधा का जायजा लिया। सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारियों को उन्होंने पूरे अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल बनाने का निर्देश दिया। निर्देश देते हुए रांची डीसी ने कहा कि दो बेड वाले रूम में भी जगह को देखते हुए तीन बेड लगाएं। भले ही वे खाली हों पर लोगों को कमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने इन जगहों पर जरूरत के अनुसार मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों की भी नियुक्ति के लिए निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि खाली बेडों के लिए भले ही स्टाफ की जरूरत न हो, लेकिन वह यहां मौजूद रहें। क्योंकि महामारी के टाइम पर नियुक्ति करने में काफी परेशानी होती है।
आइसीयू कोविड-19 वार्ड का निरीक्षण करते हुए उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि आईसीयू को आईसीयू ही रहने दें। उसमें नार्मल मरीजों को भर्ती ना करें। कल को अगर एक दिन में 50 गंभीर मामले आ जाते हैं, तो आनन-फानन में उनके लिए अरेंज करना मुश्किल होगा। साथ ही कहा कि नार्मल कोविड-19 बेड सारे खाली पड़े हैं। ऐसे में कोविड वार्ड के भरने के बाद ही इनका इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने कहा कि सदर हॉस्पिटल में लगभग 80 प्रतिशत काम हो चुका है। कुछ छोटे-मोटे काम हैं, जो बचे हुए हैं। इसके बारे में इंजीनियर और डिपार्टमेंट को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सदर हॉस्पिटल में 240 बेड कार्यरत हैं।
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