सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब घटकर 29,131 हो गई है। कोरोना के 17 सितम्बर को आए अभी तक के उच्चतम स्तर 68,235 से वर्तमान में 39,104 एक्टिव मामलों में कमी आयी है।
अब तक 4.27 लाख मरीज इलाज के बाद हो चुके हैं स्वस्थ
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि बीते चौबीस घंटे में संक्रमण के 2,402 नये मामले सामने आए हैं। इसी दौरान 2,581 मरीज उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए है। इसके साथ ही राज्य में अब तक कुल 4,27,937 मरीज इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। मरीजों के तेजी से ठीक होने की वजह से रिकवरी दर अब 92.25 प्रतिशत हो गई है। वहीं संक्रमण के बाद अब तक कुल 6790 मरीजों की मौत हुई है। बीते चौबीस घंटे में 35 लोगों ने दम तोड़ा है।
4,634 पूल के जरिए 23,730 नमूनों की हुई जांच
उन्होंने बताया कि बुधवार को 4,634 पूल के जरिए 23,730 नमूनों की जांच की गई। इनमें 4,522 पूल के जरिए प्रति पूल पांच-पांच नमूनों की जांच की गई, जिसमें 253 पूल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं 112 पूल के जरिए प्रति पूल दस-दस नमूनों की जांच की गई, जिसमें 04 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अब तक कुल 1.57 करोड़ कोरोना नमूनों की हुई जांच
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,57,696 सैम्पल की जांच की गयी। वहीं प्रदेश में अब तक कुल 1,36,03,679 सैम्पल की जांच की गयी है।
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13,679 मरीजों का होम आइसोलेशन में चल रहा इलाज
उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कुल सक्रिय मरीजों में से 13,679 लोग होम आइसोलेशन यानि घर पर रहकर इलाज की सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा अन्य मरीज निजी अस्पतालों व राज्य सरकार की एल-1, एल-2 व एल-3 की व्यवस्था के तहत सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। अब तक 2,60,186 मरीजों ने होम आइसोलेशन की सुविधा का विकल्प लिया है, जिनमें से 2,46,507 मरीजों के इलाज का समय पूरा होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज घोषित कर दिया गया है।
बुजुर्ग-पहले से बीमार कोविड मरीज घर पर रहने की ना करें जिद
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले बुजुर्ग और पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ लेने की जिद ना करें। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने पर बेहतर इलाज मिल सकता है। अब नई व्यवस्था में सभी मरीजों को एल-2, एल-3 स्तर के अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है, क्योंकि सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट होने की वजह से इन अस्पतालों में बेड बहुत ज्यादा संख्या में उपलब्ध हैं। अगर सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि होगी, तभी मरीजों को एल-1 स्तर के अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं। इसलिए बुजुर्गों और गम्भीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को यहां रहकर अपना इलाज कराना चाहिए। अगर घर में जटिलता आने के बाद मरीज देर से डॉक्टर के पास अस्पतालों में पहुंचेंगे तो उनके लिए भी स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इन सुविधाओं का लाभ लें। मरीजों के मन में किसी भी प्रकार की शंका नहीं होनी चाहिए
13.58 करोड़ लोगों के बीच पहुंची स्वास्थ्य टीमें
स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के बीच पहुंचकर सर्वेश्रण कर रही हैं। अभी तक 1.45 लाख से अधिक इलाकों में 4,29,476 टीम दिवस में 2,75,82,836 करोड़ घरों का सर्वेक्षण किया है। इसके तहत 13,58,49,066 करोड़ से अधिक लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई है।
2,674 लोगों ने एक दिन में किया ई-संजीवनी का प्रयोग
इसके साथ ही ई-संजीवनी पोर्टल का प्रदेश के लोग लगातार इस्तमाल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में इस पोर्टल का सबसे ज्यादा दैनिक उपयोग किया जा रहा है। इस पोर्टल से घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। बुधवार को 2,674 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। अब तक कुल 1,56,746 लोग इस पोर्टल के जरिए चिकित्सीय लाभ ले चुके हैं।
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