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गांव, गरीब, किसान और मजदूर की भागीदारी के बिना देश का विकास संभव नहीं : रघुवर दास

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गांव, गरीब, किसान और मजदूर की भागीदारी के बिना देश का विकास संभव नहीं : रघुवर दास

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गांव, गरीब, किसान और मजदूर की भागीदारी के बिना राज्य और देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरी मान्यता है कि कृषि हमारे देश की आत्मा है। खेती हमारी संस्कृति और परंपरा का आधार है, इसीलिए आप देखते हैं कि जितने भी पर्व और त्योहार है, हम देश या राज्य में मनाते हैं तो हमारे त्योहार, रीति रिवाज, हमारे खान पान पूजा पद्धति कहीं ना कहीं से खेती से ही जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री गुरुवार को खेल गांव में आयोजित ग्लोबल फूड एंड एग्रीकल्चर समिट को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी देखें तो हमारी अर्थव्यवस्था का आधार भी कृषि ही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी ठोस आधार खेती से प्राप्त हुआ है। जिस तरह से भारत की अधिकांश आबादी गांव में रहती है, उसी तरह से झारखंड की भी अधिकांश आबादी गांवों में निवास करती है। यहां 60 से 70 फीसदी लोगों के जीवन का आधार कृषि है और गरीबी उन्मूलन हमारी सरकार की प्राथमिकता है। गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में खेती का विकास बहुत जरूरी है इसीलिए सरकार कृषि, पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन, बंजर भूमि विकास, ग्रामीण विकास के क्षेत्र में पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की है। हमने खाद्य प्रसंस्करण की नीति बनाई है और आज की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आधुनिकीकरण पर विशेष रूप से जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य के दूसरे खाद्य प्रसंस्करण प्लांट की स्थापना झारखंड में रांची के रातू में की गई है। फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी समुन्नत है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रोजगार सृजन की बहुत संभावनाएं हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग कृषकों तथा शहरी उपभोक्ताओं के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध स्थापित करता है। इसी को ध्यान में रखकर आज 50 खाद्य प्रसंस्करण प्लांट का ऑनलाइन शिलान्यास किया गया। आने वाले समय में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य के नौजवानों को रोजगार भी मिलेंगे और किसानों को उनके उत्पादन की सही कीमत भी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि झारखंड में हम फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन भ्रमण के क्रम में उन्होंने खेतों का अवलोकन भी किया और खाद्य प्रसंस्करण के प्लांट को भी देखा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जमशेदपुर के किसान ने बताया कि वहां पर कोऑपरेटिव फार्मिंग होती है। चीन में एक लाख कोऑपरेटिव कार्य करती हैं और एक कोपरेटिव में 1000 किसान काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 2013-14 में कृषि के क्षेत्र में विकास दर नेगेटिव -4.5 प्रतिशत थी। विगत चार वर्षों में हमारी कृषि विकास दर 14 फीसदी हो गई है। रघुवर दास ने कहा कि सरकार ने अपनी नीतियों में अवश्य संशोधन किया और किसानों के साथ सहयोग किया, लेकिन इसका पूरा श्रेय राज्य के मेहनतकश किसानों को जाता है। हमारे झारखंड के 28 लाख किसानों ने एक लंबी छलांग लगाई है और राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का काम किया है, इसके लिए राज्य के समुन्नत किसानों को बहुत-बहुत बधाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कि खेती करने वाले किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाजार में चाहे उद्योगपति हों या किसान हों इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हैं। जब दुनिया बाजार होगी और जहां उत्तम गुणवत्ता के उत्पाद मिलेंगे, दुनिया उसी का क्रय करेगी। इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने कृषि कार्य में आधुनिक तकनीक का समावेशन राज्य में किया। राज्य के किसान समुन्नत तकनीक के साथ कैसे जुड़े, दुनिया भर में कृषि के क्षेत्र में कौन-कौन सी नई तकनीक उपयोग में लाई जा रही है इस ग्लोबल समिट के माध्यम से हमारे किसान इसको जाने यह सरकार की मंशा है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से हम सीमित जमीन में उत्पादकता को कैसे बढ़ाएं यह जानने का हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इजराइल जो कि एक रेगिस्तानी देश था, जल के बेहतर प्रबंधन से इजरायल जैसा रेगिस्तानी देश आज हरा भरा है। इस तकनीक का उपयोग करके हमारे किसान कैसे अपनी उत्पादकता को बढ़ाएं, इसलिए यह समिट आयोजित किया गया है। हमारे यहां पशु की संख्या अपेक्षाकृत कम है और सरकार के संज्ञान में भी यह बात है, इसीलिए सरकार ने यह तय किया है कि राज्य की जो गरीब बहनें हैं, उन्हें 90 प्रतिशत सब्सिडी में दो पशु उपलब्ध कराए जाएं। 10 प्रतिशत धन फेडरेशन सोसायटी द्वारा दिया जाएगा। अभी तक 25000 गरीब बहनों को दो-दो गायें दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे नौजवान किसान हैं उन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि झारखंड में कृषि के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि किसानों से मेरी अपील है कि डेयरी के क्षेत्र में भी आगे आएं। सरकार डेयरी के क्षेत्र में 50 फीसदी सब्सिडी देने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं भी गांव में ग्रुप बनाकर डेयरी फार्मिंग करें। मेधा डेयरी खटाल में आकर ही दुग्ध का एकत्रीकरण करेगी। महिला किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य से बच्चियों के पलायन को रोकने के लिए इस तरह की वैश्विक एग्रीकल्चर फूड समिट का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑर्गेनिक खेती पर फोकस करें। ऑर्गेनिक सब्जी की दुनिया भर में मांग है। झारखंड में सब्जी उत्पादन पहले से ही अधिक है। ऑर्गेनिक सब्जी उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ें। मार्केट की उपलब्धता झारखंड सरकार सुनिश्चित करेगी। यदि राज्य के किसान उन्नत किसान होंगे तो सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल प्रबंधन पर भी सरकार का ध्यान है, सिंचाई की व्यवस्था को उत्तम बनाने का भी सरकार काम कर रही है।

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