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फोरलेन के डिवाइडर पर पेड़ लगाने के बदले कंक्रीट ढ़लाई करने से लोगों में आक्रोश

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सिटी पोस्ट लाइव, बेगूसराय: देशभर में आधारभूत संरचना मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर फोरलेन-सिक्स लेन सड़कों का निर्माण और विस्तारीकरण हो रहा है। इन सड़कों के बीच में डिवाइडर बनाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटे-पेड़ पौधे लगाए जाते हैं। लेकिन बेगूसराय में ठीक इसका उल्टा हो रहा है। यहां एनएच-31 का विस्तारीकरण कर फोरलेन बनाया जा रहा है। सिमरिया से खगड़िया भाया बेगूसराय निर्माणाधीन फोरलेन के बीच में डिवाइडर तो बनाया गया। लेकिन उसमें पेड़-पौधा लगाने के बदले कार्यकारी एजेंसी कंक्रीट से भर रहा है। पिछले महीने डिवाइडर पर साइकिल पर संडे की टीम ने बीहट में फूल समेत अन्य छोटे-छोटे पौधे लगाए थे। उस समय किसी विभागीय अधिकारी ने रोक-टोक नहीं किया, युवाओं ने मेहनत किया और हरियाली आने लगी तो निर्माण करने वाली एजेंसी ने सभी पौधों को उखाड़ कर डिवाइडर को कंक्रीट से भर कर दिया। अब वहां से बेगूसराय तक के डिवाइडर को कंक्रीट से भरा जा रहा है। जिससे पर्यावरण प्रेमियों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है।

रविवार की सुबह से ही लोग प्रधानमंत्री, पीएमओ, एनएचएआई, मुख्यमंत्री एवं सांसद राकेश सिन्हा को इस मामले में पहल करने की गुहार लगाते हुए ट्वीट कर रहे हैं। पर्यावरणविद शिव प्रकाश भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता रौशन कुमार आदि का कहना है कि सैकड़ों करोड़ रुपये से बन रहे सिमरिया से खगड़िया तक के डिवाइडर का कंक्रीट से ढ़लाई किया जा रहा है। फोरलेन की अपनी हजारों किलोमीटर की यात्रा में पहली बार यह व्यवस्था देख रहा हूं। डिवाइडर पर लगा हुआ पेड़ ध्वनि प्रदूषण को भी कम रखता है, कार्बन डाइऑक्साइड सोखने में पेड़ बहुत उपयोगी है। लेकिन यहां तो उल्टे पर्यावरण का नुकसान किया जा रहा है। डिवाइडर पर लगा हुआ पेड़ वर्षा जल भी सोख कर रखता है। दुर्घटना के दौरान भी पेड़ बड़ा रोक बनता है और नुकसान में कमी लाता है।

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