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आयुष्मान भारत योजना से हॉस्पिटल प्रबंधन ने किया किनारा, सिविल सर्जन को लिखा पत्र

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आयुष्मान भारत योजना से हॉस्पिटल प्रबंधन ने किया किनारा, सिविल सर्जन को लिखा पत्र

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़ : रामगढ़ के सबसे बड़े हॉस्पिटल में शामिल द होप हॉस्पिटल में अब गरीबों का इलाज नहीं होगा। यहां गरीबों के लिए प्रबंधन ने अपने द्वार बंद कर दिए हैं। इस पूरे मुद्दे को लेकर द होप हॉस्पिटल के निर्देशक डॉ शरद जैन ने सिविल सर्जन को एक पत्र भी लिखा है। होप हॉस्पिटल ने आयुष्मान भारत योजना से खुद को किनारे कर लिया है।
उनके इस कदम के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सकते में आ गया है‌‌। इस पूरे मामले में सिविल सर्जन नीलम चौधरी ने बताया कि हॉस्पिटल प्रबंधन ने उन्हें पत्र लिखा है। उसमें उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की जटिलताओं का जिक्र किया है। उनका कहना है कि इस योजना की जटिलताओं में हॉस्पिटल प्रबंधन उलझ चुका है। इसलिए अब वे इस योजना में खुद को शामिल नहीं करेंगे। उन्होंने इस योजना से हॉस्पिटल को बाहर रखने की अपील भी की है। साथ ही कहा है कि इस योजना में 1 साल का रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। हर बार इसके रिन्यूअल का प्रावधान भी रखा गया है। लेकिन अब द होप हॉस्पिटल प्रबंधन आयुष्मान भारत योजना में अपना रिनीवल नहीं कराएगा।
सिविल सर्जन नीलम चौधरी ने कहा कि अक्सर शिकायतें आती हैं की आयुष्मान कार्ड धारकों को हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा परेशान किया जाता रहा है। जब भी जांच की गई है तो यह बात स्पष्ट हुई है कि भर्ती होने के समय आयुष्मान कार्ड होल्डर अपना कार्ड हॉस्पिटल में नहीं दिखाते हैं। बाद में जब बिल देने की बारी आती है तब वे लोग खुद को आयुष्मान कार्ड धारक बताते हैं। हालांकि अगर मरीजों की बात सुने तो उनका कहना होता है कि वह आयुष्मान कार्ड लेकर ही हॉस्पिटल पहुंचते हैं। प्रबंधन की ओर से उन्हें परेशान किया जाता है। अब मामला चाहे जो भी हो लेकिन आयुष्मान भारत योजना की यह विफलता ही कही जाएगी कि अब हॉस्पिटल खुद ही इससे दूर भागने लगे हैं।

 

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