सिटी पोस्ट लाइव: बिहार के मुज़फ्फ़रपुर में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना विफल हो गयी. हालांकि यह योजना तीन साल पहले ही पूरे शहर को साफ़ और स्वच्छ बनाने की मंशा से बनाई गयी थी लेकिन यह योजना नगर निगम प्रशासन की उदासीनता और संसाधनों की कमी की वजह से शुरू होते ही बंद हो गयी.
खबर के मुताबिक, मुज़फ्फ़रपुर में लगभग 40 हजार घरों को दो-दो कूड़ेदान दिए गए. शहरवासियों को हरे और नीले रंग के कूड़ेदान बांटे गये ताकि लोग गीले तथा सूखे कचड़े को अलग-अलग करके रख सके और साथ ही निगमकर्मी को भी कचड़ा उठाने में परेशानी ना हो. लेकिन शहर के हर घर तक नगर निगम कूड़ेदान उपलब्ध नहीं करा पायी और जिन घरों को कूड़ेदान उपलब्ध हुई उन लोगों ने योजना के दिशानिर्देश का पालन करना शुरू किया लेकिन नगर निगम के कर्मचारी हर घर से कचड़ा उठाने में विफल रहे.
वहीँ नगर निगम के सफाई प्रभारी अमरेन्द्र कुमार सिन्हा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डोर-टू-डोर कलेक्शन शहरवासियों की अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है और कचड़े का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन हो. शहर को गंदगीमुक्त बनाने के लिए हर घर से कचड़ा उठाया जायेगा ताकि उससे खाद बनाया जा सके और खेती में उपयोग हो सके.
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