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सोशल मीडिया को लेकर डीसी नैंसी सहाय ने बताए नियम

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सोशल मीडिया को लेकर डीसी नैंसी सहाय ने बताए नियम 

सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: डीसी नैंसी सहाय ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा है कि वर्तमान समय में अधिकांश लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं। दिन-प्रतिदिन इस माध्यम से जुड़ रहे है, क्योंकि वर्तमान समय में यह माध्यम सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का सबसे सरल माध्यम बन चुका है। आज के समय में किसी न किसी सोशल नेटवर्किंग साइट से हर व्यक्ति जुड़ा है। सोशल मीडिया ने जिस तेजी लोगों के जीवन में अपनी जगह बनाई है, उसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। तात्पर्य है कि जब सोशल मीडिया का इस्तेमाल गलत चीजों के लिए होने लगता है जैसे-अफवाह फैलाना, हिंसा फैलाना इत्यादि और इसी प्रकार के अन्य देश और समाज विरोधी कार्यों के लिए होने लगता है तब समस्या उत्पन्न होती है। सहाय ने यहां बुधवार को कहा कि ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया के माध्यम से गलत अफवाह, उन्माद सूचना, वीडियो क्लिप प्रसारित होने पर इसके गंभीर दुष्परिणाम सिद्ध हो सकते हैं। इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचनाओं पर कड़ी निगरानी रखना आवश्यक है। सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता विधि सम्मत है लेकिन वर्तमान समय में ऐसा देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर समाचार के नाम पर बने ग्रुप तथा अन्य नाम से बने ग्रुप पर कभी-कभी ऐसे समाचार या तथ्य भी प्रेषित हो रहे हैं, जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं है। कई तथ्य बिना पुष्टि के सीधे कट-पेस्ट, फॉरवर्ड किए जा रहे हैं। डीसी सहाय ने सोशल मीडिया तथा फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि के ग्रुप एडमिन एवं सदस्यों के लिए निम्नांकित बातों की आवश्यकता बताते हुए कहा कि ग्रुप एडमिन वही बनें जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का वाहन करने में समर्थ हो। उन्होंने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित होने के अतिरिक्त ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलतबयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाय आदि पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन तत्काल उसका खंडन करें। साथ हीं उस सदस्य को ग्रुप से तुरंत हटाने को निर्देशित किया। अफवाह, भ्रमक तथ्य, सामाजिक समरसता के विरुद्ध तथ्य पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट साइबर क्राइम तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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