City Post Live
NEWS 24x7

तीन सौ वर्षों से परंपरागत रूप से जारी है श्मशान काली पूजा

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव, पाकुड़: जिला मुख्यालय के कालीतल्ला मुहल्ले में स्थित श्मशान काली पूजा की तैयारी पूरी हो गई है।शनिवार की देर रात पूर्णतः तांत्रिक विधि से माँ की पूजा की जाएगी। काली पूजा के मौके पर हर साल यहाँ न  सिर्फ जिले भर के बल्कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। हालाँकि इस बार पूजा समिति द्वारा कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी गाइड लाइन के मुताबिक श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने की हर संभव तैयारी की गई है।उल्लेखनीय है कि श्मशान काली स्थान की स्थापना पाकुड़ जिसे कभी अंबाड़ परगना कहा जाता था के तत्कालीन राजा पृथ्वीचंद शाही(पांडेय)ने कोई तीन सौ वर्ष पूर्व की थी।तभी से यहाँ परंपरागत रूप से तांत्रिक विधि से माँ की पूजा होती चली आ रही है।
कभी इसकी सारी व्यवस्थाएँ राजा के द्वारा की जाती थी।राज समाप्त होने के बाद भी वर्ष 1990 तक राज परिवार के वंशजों द्वारा किया जाता रहा।कालांतर में राज परिवार के लोग सिर्फ पूजा की  व्यवस्था करते हैं। सारी व्यवस्थाएँ मुहल्ले के लोगों द्वारा गठित समिति करती हैं।मन्नतें पूरी होने के बाद काली पूजा के मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा सैकड़ों की संख्या में पाठा(बकरा)की बलि दी जाती है।      श्मशान काली स्थान में कभी  खुले आसमान के नीचे ही पूजा हुआ करती थी।हालाँकि पिछले कुछ वर्षों पूर्व लोगों ने उस स्थान पर एक शेड बनवा दिया है।लेकिन इसका निचला हिस्सा आज भी पूजा के मौके पर ताड़ के पत्तों से घेर दिया जाता है ताकि कुत्ते आदि जानवर पूजा में खलल पैदा न करे। इस बार व्यवस्था में लगे लोगों के मुताबिक हमने सिर्फ प्रतीकात्मक तौर पर अधिकतम पांच बलि करवाने की तैयारी की है।
उल्लेखनीय है कि श्मशान काली स्थान की स्थापना के वक्त यह स्थान घनघोर जंगलों से पटा हुआ था।यहाँ पर तांत्रिक तंत्र मंत्र की साधना करते थे।साथ ही स्थानीय लोगों द्वारा यहीं पर शवदाह भी किया जाता था।कालांतर में बढ़ते शहरीकरण के फलस्वरूप जंगल समाप्त हो गए। आज यह स्थान घनी आबादी से घिर चुका है। बढ़ती आबादी के मद्देनजर कई दशकों पूर्व से ही यहाँ शवदाह बंद करवा दिया गया है।लेकिन आज भी स्थानीय लोगों द्वारा प्रतीकात्मक तौर पर मृतकों की मुखाग्नि यहीं करते हैं।फिर शवदाह के लिए तकरीबन दस मील दूर पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के धुलियान स्थित गंगा नदी ले जाते हैं।

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.