City Post Live
NEWS 24x7

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को चक्का जाम

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद एवं आदिवासी सेगेंल अभियान ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को चक्का जाम का ऐलान किया है। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। इस कार्यक्रम को कई और आदिवासी एवं अन्य संगठनों का समर्थन मिल रहा है। जानकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू एवं परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने सोमवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता दी।परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि चक्का जाम शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा। एंबुलेंस, दूध, प्रेस, स्कूल बस आदि चक्का जाम से मुक्त रखे जाएंगे। मौके पर केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि धरती का पहला पुत्र आदिवासी है आदिवासी अपनी अनूठी संस्कृति से पहचाना जाता है ।आदिवासी बोली भाषा संस्कृति रहन-सहन खान-पान नृत्य संगीत विभिन्न धर्म जाति से अलग है। आदिवासी अपनी पहचान के लिए वर्षो से संघर्ष करता आ रहा है। आदिवासियों का धर्मकोड नहीं होने के कारण इन्हें हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई एवं अन्य धर्म कॉलम में डालकर राष्ट्रीय स्तर पर धर्मांतरण कराया जा रहा है। 2021 की जनगणना में आदिवासी हर हाल में अपना धर्म कोड चाहते हैं। यदि 2021 की जनगणना में आदिवासियों को अलग धर्म कोड नहीं दिया जाता तो आदिवासियों का विनाश निश्चित है ।
मॉनसून सत्र में आदिवासियों को हेमंत सरकार से काफी उम्मीद थी कि सरना धर्म कोड विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजेगी। परंतु किसी भी मंत्री विधायक ने सरना कोड के विषय में मुंह नहीं खोला। सरकार ने आश्वासन देकर आदिवासी को ठगने का काम किया ।बाध्य होकर आदिवासी समाज अपने अधिकार के लिए आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं । आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा सरना धर्मकोड आदिवासियों की पहचान है जब तक सरना कोड नहीं मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा । इसी परिपेक्ष में आदिवासी सेंगेल अभियान जो भारत के 5 देशों में 15 अक्टूबर को झारखंड बिहार उड़ीसा असम बंगाल में रोड चक्का जाम एवं 6 दिसंबर 2020 को राष्ट्रव्यापी रेल, रोड चक्का जाम करने के लिए भारत के आदिवासी जनता धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान और मान्यता के लिए बाध्य हो जाएंगे। केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि आदिवासी 15 अक्टूबर राज व्यापी चक्का जाम को सफल बनाने में एकजुटता का परिचय दें, ताकि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार सरना कोड देने के लिए के लिए बाध्य हो जाएं।

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.