“विशेष” : फिर दहला सहरसा, दिन दहाड़े गोली मारकर युवक की हत्या
सिटी पोस्ट लाइव : सहरसा जिला मुख्यालय से लेकर जिले के सभी हिस्सों में अपराधियों की समानांतर सरकार चल रही है ।पुलिस अधिकारी और कर्मी सेवा और कर्तव्य निभाने जगह उगाही और बस वेतन लेने में मशगूल हैं। आज दिन के उजाले में सहरसा के महिषी थाना के बलुआहा पुल पर महिषी थाना क्षेत्र के ही मंगरौनी निवासी रूपेश कुमार राय की अज्ञात अपराधी ने गोली मार कर हत्या कर दी। हत्या की सूचना मिलते ही महिषी पुलिस ने काफी तेजी बरतते हुए अपराधियों की तलाश करने की जगह, मौका ए वारदात पर पहुंचकर पहले तो लाश को अपने कब्जे में लिया, फिर उसे आनन-फानन पोस्टमार्टम के लिए सहरसा भेज दिया। महिषी पुलिस को यह पता था कि लाश सहरसा भेजने में देरी करने से मामला बिगड़ सकता है।
जाहिर तौर पर तनिक भी देरी से, आसपास के गाँव के लोग इकट्ठा होंगे और महिषी पुलिस के साथ सहरसा पुलिस अधिकारियों को भी जाम और लोगों के गुस्से को कोपभाजन बनना पड़ेगा। महिषी थानाध्यक्ष ने बेहद चतुराई दिखाई और लाश को सहरसा भेजकर, अपनी बड़ी ड्यूटी निभा दी ।हालिया महीनों में सहरसा में अपराध अपनी चरम सीमा पर है ।करीब डेढ़ दर्जन लोगों की हत्या हुई है।पुलिस के अधिकारी हर मामले के पटाक्षेप और अपराधियों को जेल भेजने की बात,बड़े भभक और दमक कर कहते हैं। अब सवाल उठता है कि पुलिस अधिकारी सही अपराधियों की जगह केस के निपटारे के लिए जिसे चाहा,उसे अपराधी बनाकर जेल तो,नहीं भेज रहे हैं। युवक रूपेश की हत्या को लेकर सहरसा पुलिस के वरीय अधिकारी, अभी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
लेकिन अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी होगी, का तकिया कलाम जरूर पढ़ रहे हैं। काफी दबाब और मनुहार के बाद महिषी थानाध्यक्ष हरेश्वर सिंह ने बताया कि मंगरौनी गाँव के रहने वाले राम प्रवेश राय के मृतक पुत्र रूपेश कुमार ने 2017 में गाँव के ही सुरेंद्र यादव की बेटी को भगाकर,उससे शादी कर ली थी। लेकिन यह लड़की वालों को पसंद नहीं था। बाद में मामले को शांत करने की नीयत से लड़की को उसके मायके में रहने की पंचायत हुई थी। लड़की अभी भी अपने माता-पिता के साथ ही है। रूपेश बार-बार अपनी ससुराल जाता था और लड़की को अपने घर लाने की जिद करता था लेकिन लड़की के परिजन कोई न कोई बहाना बना डालते थे ।लड़का और लड़की, दोनों एक ही गाँव के रहने वाले हैं।
चूंकि मृतक कुर्मी जाति से आता था, इसलिए इस शादी को लड़की के घर वाले हरि झंडी नहीं दिखा रहे थे। अब सहरसा में मृतक के परिजन के बयान के आधार पर हत्या का मामला दर्ज होगा। मृतक के परिजन अपने बयान में जिसका नाम देंगे,उसका जेल जाना तय है। अगर हत्या किसी और वजह से हुई हो और हत्यारे कोई और हों,इससे पुलिस को कोई सरोकार नहीं रहेगा। अपराध की मोटी फाईलों को संभालने में,हांफते रहने वाले पुलिस अधिकारी के पास, इतना वक्त नहीं है कि वे इस हत्या को,अलग और अपने तरीके से अनुसंधान कर सच खंगालने की कोशिश करें। सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को हम इस खबर के माध्यक से इतना जरूर कहेंगे कि सहरसा की पुलिस अपराधियों के सामने घूँटने टेक कर पूरी तरह से बैकफुट पर है। अपराध पर नकेल कसने की जगह,विभिन्न तरीके से धन संचय,यहाँ की पुलिस की फितरत और कर्तव्य है।
पीटीएन न्यूज ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष”रिपोर्ट
Comments are closed.