राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा “झारखंड के विकास में जिम्मेवारी निभानी होग”
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के बिना राज्य का विकास नहीं किया जा सकता और हमें निचले स्तर से ही विकास की शुरूआत करनी होगी। राज्यपाल शनिवार को मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ठ सभागार में रांची विवि के कॉमर्स व बिजनेस डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘वित्तीय समावेश और समेकित विकास’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि केंद्र और राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है। लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी। तभी राज्य का समुचित विकास होगा। इस मौके पर राज्यपाल और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सह राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव सहित अन्य अतिथियों ने वित्तीय समावेश और समेकित विकास’ से संबंधित एक किताब का भी लोकार्पण किया। मुख्य वक्ता भूपेन्द्र यादव ने इस अवसर पर कहा कि देश के विकास के लिए जरूरी है कि सरकार के वित्तीय सेवाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। समेकित विकास के लिए संसाधनों का उचित बंटवारा जरूरी है। हालांकि मौजूदा सरकार ने जनधन योजना, आधार और मोबाइल के जरिये करोड़ों भारतीयों को वित्तीय सेवा से जोड़ा। देश में इंडिया पोस्ट बैंक की 1.80 लाख शाखाएं खुलीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश में लघु उद्योगों के लिए जितने प्रयास किये उतना किसी सरकार में नहीं हुआ। इस दिशा में सरकार ने मुद्रो लोन बांटे। देश की मुद्रास्फीति दर में बीते चार वर्षों में 5 प्रतिशत की गिरावट आयी। प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना से 13.98 करोड़, अटल पेंशन योजना से 1.11 करोड़ लोग और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना से 5.5 करोड़ लोग जुड़े। 2014 में जहां एक प्रतिशत लोग रूपये कार्ड का इस्तेमाल करते थे, आज उनकी संख्या 36 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी हिस्से के विकास के लिए वहां के लोगों के हाथों में रोजगार होना और स्थानीय विकास जरूरी है। भुगतान सिस्टम सही हो और भुगतान की सुविधा 24 घंटे हो। सांसद ने बैंक से मिलनेवाले लोन की उपलब्धता जीवन भर के लिए, लंबे समय के लिए और कभी भी उपलब्ध होने की बात कही।
पहले बैंकिंग लोन सिर्फ औद्योगिक घरानों तक सीमित
राज्यसभा सासंद ने कहा कि 2014 से पहले बैंकिंग लोन बड़े घरानों तक ही सीमित हुआ करते थे। आम लोगों को बमुश्किल लोन मिल पाता था। वर्तमान सरकार मुद्रा लोन के जरिये इसे सर्वसुलभ बना दिया। अब कंपनी बंद हो जाने के बाद भी सरकार की ओर से कंपनी को भुगतान के लिए छह महीने के भीतर ही पैसा दे दिया जाता है। पहले छोटी-छोटी बचत को हड़प कर कंपनियां भाग जाया करती थीं। अब डीबीटी के जरिये बिचौलिये खत्म हो गये, लाभुक को पैसा सीधे ट्रांसफर होने लगा। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय, प्रतिकुलपति डॉ कामिनी कुमार, कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी, विभाग के प्रोफेसर डॉ एसएनएल दास सहित अन्य विभागों के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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