Happy Birthday Dada : दादा की दादागिरी, जिसे आज भी दुनिया करती है याद
सौरभ का बदला जिसका जवाब आलोचकों के पास अब भी नहीं
Happy Birthday Dada : दादा की दादागिरी, जिसे आज भी दुनिया करती है याद
सिटी पोस्ट लाइव : भारतीय टीम का एक ऐसा शेर जिसने क्रिकेट इतिहास के पन्नों में अपनी अमिट छाप ऐसी छोड़ी कि आज तक लोग उसे याद करते हैं. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली जिन्हें लोग दादा कहकर भी पुकारते है आज अपना 46वां जन्मदिन माना रहे हैं। दादा भारतीय टीम के उन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी व कप्तान के रूप में जाने जाते हैं. जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की काया पलट कर विदेशी खिलाडियों को भी पीछे छोड़ दिया. कोलकाता के बेहाला में 8 जुलाई 1972 के दिन जन्में दादा भले ही आज देश के लिए क्रिकेट नहीं खेलते हैं. लेकिन आज भी उनके फैन उन्हें सुनना और उनका खेल देखना पसंद करते हैं. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान दादा की दादागिरी को ड्रेसिंग रुम में उनके दोस्त उनकी दादागिरी से भलीभांति परिचित हैं. गांगुली ने देश के लिए कई अहम मुकाम हासिल किए हैं. उन्हीं मुकाबलों में एक ऐसा मुकाबला था जिसने उन्हें आलोचकों के निशाने पर ला खड़ा किया. ये मुकाबला हार का नहीं जीत का था. जिसका जवाब आलोचकों के पास अब भी नहीं है.13 जुलाई 2002 को सौरव गांगुली की अगुवाई में इंडियन टीम ने इंग्लैंड को हराकर नेटवेस्ट सीरीज अपने नाम की थी. इस मैच में जीत के बाद दादा ने अपनी टी-शर्ट उतारकर जश्न मनाया था. ये इंडियन क्रिकेट के इतिहास का वो पल था जहां हिंदुस्तान ने अंग्रेजों को उनकी स्लेजिंग करारा जवाब दिया था . दरअसल गांगुली इंग्लिश टीम के एक खिलाड़ी से इतनी खुन्नस खाए बैठे थे कि उन्होंने बिना किसी की परवाह किए भरे स्टेडियम टी-शर्ट उतरी व पूरे जोश के साथ उसे लहराना प्रारम्भ कर दिया . वर्ष 2002 में इंग्लैंड के एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने हिंदुस्तान में वानखेड़े में जीत के बाद टी-शर्ट उतारकर दौड़ लगाई थी व गांगुली को नीचा दिखाने की प्रयास की थी . जिसके बाद दादा ने इंग्लैंड को उसी के घर में हराकर जीत दर्ज की व फ्लिंटॉफ को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया था.
इस मैच में दादा ने शानदार पारी खेली थी. उन्होंने 43 गेंदों में 10 चौके और 1 छक्के की मदद से 60 रन बनाए थे. युवराज सिंह ने 63 गेंदों में 69 रन बनाए थे. मैच जीतने के बाद सौरव गांगुली के टी-शर्ट उतारने पर बवाल हो गया था . कई क्रिकेटरों ने दादा की इस हरकत की आलोचना की थी. हालांकि दादा ने इसका करारा जवाब दिया था. जिसके बाद दादा को लोग दादागिरी करने वालों के साथ जोड़कर देखा जाने लगा. उनके फैन आज भी उन्हें उतना ही प्यार करते हैं, जितना आज से कुछ साल पहले जब वे बल्ले का कमल और मैदान में विपक्षी टीमों के रणनीति को भेदते दीखते थे. आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर फैन उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दे रहे हैं.
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