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उपकरण बैंक के लिए विभिन्न कोषांग का हुआ गठन

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: रांची के एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा ने उपकरण बैंक के सफल संचालन को लेकर विभिन्न कोषांग का गठन किया है। इनमें संग्रह एवं प्रचार प्रसार समिति, जिला स्तरीय उपकरण बैंक समिति और वितरण एवं प्रशिक्षण समिति शामिल हैं। संग्रह एवं प्रचार प्रसार समिति में रांची के 46 थानों के अवर निरीक्षक को शामिल किया गया है।

क्या है दायित्व

नोडल पदाधिकारी एवं संबंधित थाना प्रभारी को पुराने स्मार्टफोन और लैपटॉप आदि जमा करने के लिए लोगों में प्रचार-प्रसार करने, लोगों से उपकरण प्राप्त करते समय आश्वस्त हो लेंगे कि इनका उपयोग अपराध या आपराधिक गतिविधि में नहीं हुआ हो, जमा किए गए प्रत्येक उपकरण के संबंध में थाना के दैनिक प्रविष्टि में अंकित करने, दान देने वाले का नाम, आधार कार्ड नंबर लिखने, थाना स्तरीय उपकरण बैंकों में जमा उपकरण शीघ्र जिला स्तरीय उपकरण बैंक में जमा करने का दायित्व सौंपा गया है।

साथ ही जिला स्तरीय उपकरण बैंक समिति को सभी थाना से प्राप्त स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि उपकरणों के स्टोर करने के लिए जिला स्तरीय उपकरण बैंक रांची के पुलिस केंद्र के एक कमरा में प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है। जिला स्तरीय उपकरण बैंक के कार्यों के लिए सफल निष्पादन के लिए अभिनव कुमार और रूपद प्रताप सिंह को जिम्मेवारी दी गई है।

 

इसके अलावा वितरण एवं प्रशिक्षण समिति को सभी थाना से प्राप्त स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि उपकरणों के वितरण और आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण के लिए भी जिला स्तर पर एक टीम का गठन किया गया है। टीम में डीएसपी प्रवीण कुमार सिंह, सनी कुमार और नीतीश कुमार शामिल हैं।

 

साथ ही वितरण और प्रशिक्षण समिति को दायित्व दिया गया है कि वह गरीब और मेधावी छात्रों के बीच प्रधानाध्यापकों की अनुशंसा पर स्मार्टफोन और लैपटॉप का वितरण करें। इन सभी व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए नियंत्रण कक्ष की सहायक पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन को प्रत्येक दिन की स्थिति की जानकारी देने को कहा गया है।

 

उल्लेखनीय है कि बीते 28 जून को डीजीपी नीरज सिन्हा ने गरीब बच्चों के लिए उपकरण बैंक खोलने को लेकर रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को पत्र भेजा था। वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में झारखंड पुलिस की भूमिका सराहनीय रही। कोरोना की पहली लहर में जहां पुलिसकर्मियों ने भूखों को खाना खिलाया, बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया और लावारिस शवों का दाह संस्कार कर मानवता की मिसाल पेश की वहीं दूसरी लहर में पुलिस आर्थिक रूप से गरीब बच्चों की सुध लेगी।

 

वैसे बच्चे जो तंगी के कारण लैपटॉप, कंप्यूटर और स्मार्टफोन नहीं होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। उन बच्चों के लिए डीजीपी नीरज सिन्हा ने उपकरण बैंक खोलने का निर्णय किया था। इसके तहत आम लोगों से पुराने स्मार्टफोन लैपटॉप और कंप्यूटर दान करने की अपील की थी। डीजीपी ने इस पहल को लेकर सभी जिलों के एसपी के साथ पत्राचार किया था।

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