सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डा राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि केंद्र सरकार के लोक उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास राज्य सरकार का 142 करोड़ रुपये बकाया है, उसका भुगतान अविलंब किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार ने 24 में से 21 जिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से सीधे धान खरीद का निर्णय लिया था, इन जिलों में धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को अप्रैल महीने में ही पूरा कर लिया गया, लेकिन एफसीआई को जिन तीन जिलों पलामू,गढ़वा और चतरा में धान खरीद की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी, वहां धान की खरीद नहीं हो पायी, जिसके कारण राज्य सरकार की ओर से इन जिलों में धान अधिप्राप्ति की तिथि बढ़ाने को लेकर एफसीआई को पत्र लिखा गया भी लिखा गया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ताओं ने मंगलवार को रांची स्थित कांग्रेस भवन में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि राज्य सरकार किसानों से धान अधिप्राप्ति कर चावल मिल को देती है और फिर इस चावल को एफसीआई को पहुंचाया जाता है, इसके एवज में एफसीआई की ओर से राज्य सरकार को भुगतान किया जाता है। राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये ऋण लेकर किसानों को धान खरीद के एवज में राशि भुगतान के लिए आवंटन कर दिया है और यह राशि किसानों को भेजना शुरु कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकार का एफसीआई के पास करीब 142 करोड़ रुपये का बकाया है,उसका शीघ्र भुगतान किया जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल में केंद्र सरकार की हर मोर्चे पर विफलता और पश्चिम बंगाल में मिली करारी हार के बाद प्रदेश भाजपा के नेता अब लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बेसिर-पैर की बात कर रहे हैं। उन्हें यह पता है कि इसमें राज्य सरकार की ओर से कोई चूक नहीं हुई है ,बल्कि केंद्र सरकार के उपक्रम एफसीआई की ओर से तीन जिलों में धान की खरीद समय पर नहीं की गयी और राज्य सरकार के बकाया का भुगतान अब तक नहीं किया गया जो सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेवार हैं।
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