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बौद्धिक दिव्यांग बच्चों को भी सामान्य जीवन जीने का पूर्ण अधिकार है: उपायुक्त

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सिटी पोस्ट लाइव, मेदिनीनगर: बौद्धिक दिव्यांग बच्चों को भी सामान्य जीवन जीने का पूर्ण अधिकार है। इसके लिए उन तक सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाओं को ससमय पहुंचाने की जरूरत है। उक्त बातें उपायुक्त  शशि रंजन ने कही। वे सोमवार को समाहरणालय के सभागार में सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के 0 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बौद्धिक दिव्यांग बच्चों को निशुल्क मानसिक मंदता किट के वितरण सम्बन्धित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में मौजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी उपेंद्र नारायण ने बताया कि राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के द्वारा दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास एवं सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र राजानंदगांव के सहयोग से 0 से 18 आयु वर्ग के अंतर्गत बौद्धिक दिव्यांगता वाले सामान्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को मानसिक मंदता किट प्रदान किया जाना है। उपायुक्त ने मौके पर मौजूद विभिन्न प्रखंडों के सीडीपीओ से 0 से 5 आयु वर्ग के बौद्धिक दिव्यांग बच्चों की सूची शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके लिए उन्होंने आंगनबाड़ी सेविका तथा सहायिका की मदद लेने का निर्देश दिया।

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