City Post Live
NEWS 24x7

SC/ST एक्‍ट पर खुली अदालत सुनवाई.

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटीपोस्टलाईव डेस्क :SC/ST एक्ट में गिरफ्तारी से पहले जांच अनिवार्य करने के मामले में केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई . एजी की ओर से खुली अदालत में इस संबंध में सुनवाई की अपील को कोर्ट ने मान लिया है. कोर्ट में एजी केके वेणुगोपाल द्वारा आज ही खुले में सुनवाई की मांग पर जस्टिस आदर्श गोयल ने कहा कि वो खुली अदालत में सुनवाई को तैयार हैं, लेकिन वही बेंच होनी चाहिए जिसका फैसला था.
जस्टिस गोयल ने वेणुगोपाल को बेंच के गठन के लिए चीफ जस्टिस के सामने मेंशन करने को कहा. आज ही दो बजे मामले पर सुनवाई की मांग करते हुए केके वेणुगोपाल ने सीजेआई कोर्ट में कहा कि देश में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई है. कोर्ट ने मांग मान ली लेकिन अमिक्स क्यूरी अमरेंद्र शरण ने इसका विरोध किया. अटॉर्नी जनरल की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर दोपहर दो बजे खुली अदालत में सुनवाई को तैयार हो गया.

देशभर में हुए हंगामे के बाद केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से एससी/एसटी कानून पर दिए गए अपने हालिया फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले में कोई पक्षकार नहीं है और वह इस फैसले के पीछे दिए गए तर्क से ‘ससम्मान’ असहमत है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार पूरी क्षमता के साथ सर्वोच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर बहस करेगी. उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप कांग्रेस पर लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार हमेशा से उपेक्षित वर्ग के समर्थन में रही है और भाजपा ने ही देश को दलित राष्ट्रपति दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से दायर की गयी पुनर्विचार याचिका को ‘आई वाश’ करार देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र की पुनर्विचार याचिका आंखों में धूल झोंकने वाला है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस पर कुछ करना चाहती है, तो वह तुरंत इस पर अध्यादेश क्यों नहीं लाती .

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.