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धार्मिक उन्माद फैलाने व साइबर ठगी में छापेमारी जारी

मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, सतर्कता के साथ काम कर रही पुलिस : एसएसपी

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धार्मिक उन्माद फैलाने व साइबर ठगी में छापेमारी जारी

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : धार्मिक उन्माद फैलाने और साइबर ठगी की सूचना पर एटीएस, साइबर और रांची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सात हजार सिम कार्ड और सिम बॉक्स बरामद होने के बाद आज बुधवार को भी पुलिस की छापेमारी जारी रही। स्पेशल ब्रांच, साइबर, एटीएस और रांची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में करीब 12 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी को गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ की जा रही है। हालांकि पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिस की छापेमारी रात करीब पौने नौ बजे तक जारी थी। अभी नामकुम में एक जगह पर पुलिस ऑपरेशन चल रहा है। इस दौरान बड़े पैमाने पर सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि मामला काफी गंभीर है और देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इस मामले में जितने भी लोग शामिल हैं उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। इसीलिए पुलिस इस मामले में काफी सतर्कता बरत रही है। एसएसपी ने यह स्वीकार किया है कि साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह पर शिकंजा कसा जा रहा है और अभी भी छापेमारी जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार नोएडा की एक कंपनी ने 10 हजार सिम उपलब्ध कराकर उसे एक्टिवेट किया है। उस कपंनी के अधिकारी को भी रांची बुलाया गया है। वह 25 अक्टूबर को रांची पहुंचेगा।

इंटेलिजेंस की सूचना लीक करता था रैकेट, इंटरपोल को भी तलाश
इंटेलिजेंस की सूचना को यह रैकेट लीक करने का काम करता था। सिम बॉक्स के संचालकों की तलाश इंटरपोल भी कर रही थी। इसी सिम बॉक्स का इस्तेमाल चुनाव में भी गलत ढंग से किया जा सकता था। साथ ही धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले मैसेज को भी वायरल करता था। पुलिस अभी इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

शुरुआती जांच में दुबई से तार जुड़ने के साक्ष्य मिले, मास्टर माइंड जावेद भी वहीं है
पुलिस की शुरुआती जांच में पूरे मामले का तार दुबई से जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार रैकेट का मास्टरमाइंड जावेद अहमद वर्तमान में दुबई में है। जावेद अहमद ने एक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के पूर्व कर्मी अब्दुल जामिद को सात लाख देकर पटना स्थित कार्यालय से सात हजार सिम कार्ड लिया था। इसमें कंपनी के सीनियर मैनेजर पुरुषोत्तम की संलिप्तता भी सामने आयी है। पुलिस को आशंका है कि कंपनी से 10 हजार से अधिक सिम एक्टिव कराए गए हैं। इन नंबरों का इस्तेमाल धार्मिक उन्माद से जुड़े मैसेज वायरल करने, ऑनलाइन शॉपिंग और केबीसी के नाम पर धोखाधड़ी में भी की जा रही थी।

सबसे पहले झारखंड एटीएस को मिली थी देश के खिलाफ साजिश की सूचना
राजधानी रांची में बैठकर देश के खिलाफ साजिश की खबर सबसे पहले झारखंड एटीएस को लगी। इसके बाद आनन-फानन में रांची सिटी एसपी अमन कुमार, एटीएस एसपी पी मुरूगन ने 23 अक्टूबर की रात सात साइबर थाने और विशेष शाखा की टीम के साथ संदिग्धों के ठिकानों पर दबिश शुरू की। रांची के कांटा टोली इलाके में छापेमारी के दौरान पुलिस को हैरान कर देने वाले कई यंत्र मिले हैं। कांटाटोली में छापेमारी के दौरान दो कमरों में पुलिस ने सिम बॉक्स में लगे सिम कार्ड, कंप्यूटर समेत कई चीजें बरामद की थी। पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ जब झारखंड की राजधानी से सिम बॉक्स की बरामदगी की गई है। अरब कंट्री से कॉल आने पर सिम बॉक्स के माध्यम से यहां स्टोर होती थी। फिर यहां से कॉल ट्रांसफर की जाती थी। इससे नंबर का पता नहीं चलता था कि वह इंटरनेशनल कॉल है या लोकल कॉल। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि देश भर में मैसेज वायरल कर धार्मिक उन्माद फैलाने से लेकर हर तरह के साइबर अपराध को रांची में बैठ कर अंजाम दिया जा रहा था। इस सिम बॉक्स से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब देशों में बातचीत की जाती थी और संदेश भेजे जाते थे। इसके साथ ही उन मैसेजों को यहां वायरल किया जाता था।

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