सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आज देश के गैर-भाजपा नेताओं के साथ ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए। हेमंत सोरेन ने कहा कि सभी को एकजुट होकर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई वर्चुअल बैठक में हेमंत सोरेन ने विपक्षी एकता की वकालत करते हुए कहा कि विपक्ष की बैठक निरंतर होनी चाहिए। इससे सभी नेताओं के बीच बातचीत लगातार होती रहेगी, जिसका परिणाम यह होगा कि सभी एकजुट होकर केंद्र सरकार की गलत नीतियों के साथ लड़ सकेंगे। हेमंत सोरेन ने कहा कि आज मोदी सरकार में लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि देश के सभी गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ केंद्र सरकार सौलेता व्वहार कर रही है। वे स्वयं सौतेला व्यवहार के भुक्तभोगी है। ऐसे में विपक्ष को ज्वलंत मुद्दों के साथ केंद्र सरकार को घेरने की आवश्यकता है।
जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पेगासस मुद्दे से मजदूरों और किसानों को कोई लेना-देना नहीं है,बल्कि किसानों की किसान नीति , मजदूरों को रोजगार और नौजवानों को नौकरी तथा स्वरोजगार जैसे मुद्दों के साथ विपक्ष को गोलबंद होकर केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की जरुरत है। हेमंत सोरेन ने कहा कि इस महामारी में जितने लोगों की जानें गयी हैं, उन्हें मुआवजा देने का काम केंद्र सरकार करें. जो लोग जीवन बचाने के लिए जमीन-जायदाद, गहने इत्यादि बेचकर इलाज कराया है, उनके पास जीवन यापन के लिए अब कुछ भी नहीं बचा है। ऐसे में उनका आने वाला भविष्य कैसे सुरक्षित हो, यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पूरा देश अजीब संकट से गुजर रहा है.
केंद्र सरकार देश में लोकतंत्र का चीरहरण कर रही है। केंद्र सरकार देश की जनता को गुमराह करने पर लगी है। सत्र में सांसदों की बातों को नजरअंदाज करना लोकतंत्र के लिए घातक है। हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष के एकता को और ज्यादा ताकतवर बनाने की जरूरत है। देश के अंदर और देश के बाहर कई ऐसे मुद्दे हैं, जिससे केंद्र सरकार को मजबूती के साथ घेरा जा सकता है। विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है। बीजेपी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जो घटना घटी, वह काफी निंदनीय है।हम सभी लोगों को उनके साथ मजबूती से खड़ा रहने की आवश्यकता है।केंद्र सरकार के हर गलत नीतियों का विरोध हमें संयुक्त रूप से मिलकर करना चाहिए। देश में गरीब, मजदूर, किसान एवं अल्पसंख्यक वर्ग विपक्ष की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। ऐसे कमजोर वर्गों को उनका वाजिब हक दिलाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है. ऐसे वर्गों के लोगों को एकत्रित करके रखना बहुत ही जरूरी है।
महंगाई आसमान छू रही है लोगों के हाथों से नौकरियां जा रही हैं. इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर चीजें स्पष्ट नहीं है। केंद्र सरकार को जनता के बीच यह बताने की आवश्यकता है कि केंद्र सरकार वैक्सीनेशन पर कितना खर्च कर रही है. राज्य सरकारों के बीच कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर चीजें ट्रांसपेरेंट नहीं दिख रही हैं। केंद्र सरकार के पास मनरेगा को छोड़कर आर्थिक सशक्तीकरण का कोई विज़न नहीं दिख रहा है. मनरेगा सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित है. रोजगार सृजन के लिए शहरी क्षेत्रों में कोई योजना केंद्र सरकार की नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत आज देशभर के कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। बैठक के जरिये देश के सभी प्रमुख विपक्षी दलों को एकजुट करने और मिलकर संघर्ष करने की रणनीति पर चर्चा हुई।
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