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बाणसागर डैम से बिहार को नहीं मिल रहा पानी, धान की खेती के लिए भयंकर जलसंकट

  रिहंद से भी पानी मिलने की रफ्तार धीमी है,बिहार में धान की खेती पर संकट

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सिटी पोस्ट लाईव : मध्यप्रदेश स्थित बाणसागर डैम से पानी नहीं मिलने से में बिहार में धान को लेकर हाहाकार मची हुई है. अभी बिचड़ा तैयार हो रहा है .जैसे ही वो तैयार हो जाएगा रोपनी के लिए पानी की जरुरत पड़ेगी और तब बाणसागर डैम से पानी छोड़े जाने को लेकर गंभीर जल संकट सामने आएगा . अगर जल्द ही पानी छोड़े जाने का मामला नहीं सुलझा तो सोन नहर से सिंचाई पर निर्भर रहने वाले किसान इस साल खेती नहीं कर पायेगें . तय कैलेंडर के हिसाब से बाणसागर डैम से सोन नहर के लिए 15 मई से ही पानी छोड़ा जाना था लेकिन अबतक एक बूँद पानी भी नहीं छोड़ा गया है.

शुक्रवार को जल संसाधन विभाग ने बाणसागर डैम के रेग्यूलेटरी को इस संबंध में पत्र लिख चूका है.बाणसागर डैम के पानी के लिए 1973 में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार सरकार के बीच करार हुआ था. डैम के निर्माण में भी बिहार की अहम् भूमिका रही है. एक तय कैलेंडर के तहत सोन नहर के लिए बाणसागर डैम से बिहार को पानी मिलता है. खबर है कि बाणसागर डैम पानी की मात्रा कम है. बाणसागर डैम से मध्यप्रदेश के कुछ हिस्से में पेयजल की व्यवस्था भी की जाती है.

सोन नहर के एक हिस्से में यूपी के सोनभद्र स्थित रिहंद जलाशय से भी पानी मिलता है. औरंगाबाद के ओबरा के इलाके से यह पानी आता है. रिहंद से भी तय कैलेंडर के तहत बिहार को पानी नहीं मिल रहा है. पिछले तीन दिनों से रिहंद डैम से बिहार को पानी मिलना आरंभ हुआ है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 22 जून को 9407 क्यूसेक और 21 जून को 4820 क्यूसेक पानी रिहंद जलाशय से बिहार को मिला है.

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